प्रतापनगर: बाहरी प्रदेशों में फंसे प्रवासी बड़ी संख्या में अपने पैतृक गांव पहुंच रहे हैं. इन्हें गांव के पास ही बने सामुदायिक केंद्र में क्वारंटाइन किया जा रहा है. गांव में बनाए गए इन क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्थाएं जुटाने का जिम्मा ग्राम पंचायत को दिया गया है, जिसका कई ग्राम प्रधान विरोध कर रहे हैं. प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत ऐसी है, जो क्वारंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी बड़े अच्छे से निभा रही है. क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों की अच्छे से देखभाल भी कर रही है. ये सब यहां के ग्राम प्रधान खुद कर रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत भेंतला की. यहां ग्राम प्रधान चंद्रवीर सिंह रावत ने क्वारंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी खुद उठा ली है. ग्राम पंचायत भेंतला के 17 लोगों को राजकीय इंटर कॉलेज रोनद रमोली में क्वारंटाइन किया गया है. इनमें 8 बच्चे, दो महिलाएं और सात पुरुष हैं.
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ग्राम प्रधान रावत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से क्वारंटाइन सेंटर में ही सभी प्रवासियों के लिए खाना बनवा रहे हैं. यहां लोगों को तीन टाइम का खाना दिया जा रहा है.
ग्राम प्रधान रावत ने कहा कि उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर में सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं. वे अपने लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे. क्वारंटाइन सेंटर में पानी की समस्या है उसे भी जल्द दूर कर दिया जाएगा.
ग्राम प्रधान रावत खुद के संसाधनों से ही क्वारंटाइन सेंटर में सभी व्यवस्थाएं जुटाने में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि सरकार यदि इसकी भरपाई करती है तो ठीक है, नहीं तो वे अपने बलबूते ही सारी व्यवस्थाएं करने में जुटे हैं.