घनसाली: भिलंगना ब्लॉक का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर डॉक्टरों के अभाव में रेफर सेंटर बनकर रह गया है. 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा देने का दावा करने वाले अस्पताल को पीपीपी मोड में दिये जाने के बाद भी आठ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. 13 सालों से अस्पताल की हालत सुधरने की जगह बदतर होती जा रही है. प्राइवेट हाथों में दिये जाने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र के दिन नहीं बहुरे हैं.
186 ग्राम पंचायतों की जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिए करीब 13 साल पहले करोड़ों की लागत से बने 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर डाक्टरों की कमी की वजह से रेफर सेंटर बनकर रह गया है. स्वामी राम हिमालयन (जॉलीग्रांट) अस्पताल को पीपीपी मोड में दिये जाने के बाद भी अस्पताल की हालत नहीं सुधरी. अस्पताल द्वारा नियुक्त एडमिन अधिकारी अब्दुल्ला इसरार चौधरी ने बताया कि अभी अस्पताल को 9 डॉक्टरों की जरूरत है. लेकिन, अस्पताल में महज एक डॉक्टर तैनात है.
ग्रामीणों का कहना है कि दिसंबर-जनवरी माह से ही स्वामी राम हिमालयन अस्पताल का काफी स्टाफ स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया था. लेकिन अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है वो हैं डॉक्टर, जिन्हें अबतक तैनात नहीं किया गया है.
बताया जा रहा है कि पीजी कोर्स कर रहे डॉक्टरों को 15-15 दिन की शिफ्ट के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. अस्पताल में इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी धूल फांक रही हैं. स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर ही नहीं बल्कि बौराड़ी और ऐसे कई अन्य अस्पताल भी हैं, जिन्हें प्राइवेट किये जाने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं में लेस मात्र भी सुधार नहीं हुआ है.