टिहरी: हर साल सर्दियों में भालू व मानव के बीच संघर्ष कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं प्रतापनगर क्षेत्र के पट्टी रौणद रमोली के खेतपाली गांव में चारा लेने गई महिला पर भालू ने हमला (Woman injured in bear attack) कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. ग्रामीणों ने घायल महिला को नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. वहीं भालू की धमक से स्थानीय लोग दहशत में हैं.
गौर हो कि पर्वतीय क्षेत्र में भालू लगातार धमक रहे हैं. प्रतापनगर क्षेत्र के पट्टी रौणद रमोली के खेतपाली गांव में महिलाएं मवेशियों के लिए चारा लेने जंगल गई थी. इसी दौरान भालू ने अंबिका देवी पर पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. अंबिका देवी के शोर मचाने पर अन्य महिलाएं भी मौके पर पहुंची, जिन्हें देख भालू भाग गया.भालू के हमले में अंबिका देवी के सिर और हाथों पर बुरी तरह चोटें आई हैं.
ग्रामीणों ने 108 सेवा को मदद के लिए फोन किया, लेकिन तकनीकी खराबी होने के कारण वाहन नहीं मिला. जिसके बाद ग्रामीणों ने निजी वाहन से घायल महिला को सीएचसी चौंड लंबगांव में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया.जहां डॉक्टरों ने महिला की गंभीर स्थित को देखते हुए जिला चिकित्सालय बौराड़ी रेफर कर दिया है. वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उधर, भालू के हमले के बाद से गांव में दहशत हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा के इंतजाम की मांग की है.
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प्रदेश के अन्य जनपदों की घटनाएं-
उत्तरकाशी के डुंडा विकासखंड के ओल्या गांव में बीते दिनों एक युवक पर भालू ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया.आनन-फानन में घायल युवक को इलाज के लिए ग्रामीण जिला अस्पताल ले गए. जहां प्राथमिक उपचार के बाद घायल युवक को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि प्रदीप भट्ट (28 वर्ष) अपनी गौशाला की ओर जा रहे थे, तभी अचानक भालू ने उनपर हमला कर दिया. भालू के हमले में प्रदीप के सिर और हाथों पर बुरी तरह चोटें आई थी.
वहीं श्रीनगर के खिर्सू ब्लॉक में बीते महीने भालू के आतंक से लोग परेशान दिखाई दिए. मलेथा गांव में भालू ने एक बकरी को अपना निवाला बनाया था. बड़ी संख्या में खिर्सू ब्लॉक के ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मियों को ज्ञापन देते हुए भालू से छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई थी.
बता दें कि सर्दियां शुरू होते ही पहाड़ों में भालुओं के हमले बढ़ जाते हैं क्योंकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के चलते भालू रिहायशी इलाकों की ओर आ जाते हैं. वहीं, अभी तक इलाके में ऐसी छह घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लेकिन वन विभाग इन हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.