टिहरी: जौनपुर विकासखण्ड के लामकांडे के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. 2014 में आयी आपदा के कारण सौंग नदी पर बने 3 पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे. लेकिन आपदा के 6 साल बीत जाने के बाद भी पुलों का निर्माण नहीं हो सका है. ऐसे में लोग नदी के बीचों-बीच पत्थरों के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं. जो लोगों की नियति बन गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण को लेकर कई बार उनके द्वारा पत्राचार के माध्यम से शासन-प्रशासन को समस्या से अवगत कराया गया. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोगों में खासा रोष है. बता दें कि, जौनपुर विकासखंड का क्षेत्र आपदा की दृष्टि से बेहद ही संवेदनशील माना जाता है. बरसात के सीजन शुरू होते ही नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. वहीं ग्रामीणों की उपजाऊ खेती नदी के पार है. ऐसे में ग्रामीणों को धान की रोपाई के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है.
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वहीं ग्रामीणों का कहना कि पुल निर्माण को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण किया. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. जिससे लोगों को बरसात में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने प्रशासन से जल्द पुल निर्माण की मांग की है.