पुरोला: मोरी तहसील के खेड़ा घाटी के रूपिन नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण लोग उफनाती नदी के बीच से होकर जाने को मजबूर थे. ये लोग एक लठ्ठे के सहारे नदी को पार कर रहे थे. जिस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद प्रशासन नींद से जागा और रूपिन नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण करवा दिया. जिससे लोगों की सामान्य आवाजाही शुरू हो गई है.
मोरी के सुदुर गांव लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रेक्चा को जोड़ने वाले खेड़ा घाटी की रूपिन नदी पर बना अस्थाई पुल बह गया था. जिस कारण यहां के ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल कर लठ्ठों के सहारे उफनती नदी को पार करने के लिए मजबूर थे. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन नींद से जागा और रूपिन नदी पर एक दिन बाद ही अस्थाई पुलिया बनाने का काम शुरू कर दिया.
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बता दें कि मोरी तहसील के खेड़ा घाटी के रूपिन नदी पर बना पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिस कारण जिला मुख्यालय से 5 गांवों का संपर्क कट गया था. साथ ही इस उफनाती रूपिन नदी के बहाव में एक महिला बहने से बाल-बाल बच गई थी.
गांवों को सड़क से जोड़ने के लिये पीएमजीएसवाई ने वर्ष 2012 में सड़क निर्माण शुरू कर दिया था. लेकिन, गांवों को सड़क से जोड़ने वाले 3 पुल अभी तक नहीं बनाए गए. जिस कारण इन गांवों के लोग अपने जीवन को खतरे में डाल कर रूपिन नदी पार करने को मजबूर थे. लेकिन प्रशासन ने अब अस्थाई पुल का निर्माण करवा दिया है.