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प्रतापनगर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चढ़ा अराजकता की भेंट

नगर के केंद्र बिंदु और गजना पट्टी के केंद्र लमगांव में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात डॉक्टरों सहित कुल 22 पद स्वीकृत हैं. लेकिन यहां पर कोई भी अधिकारी और कर्मचारी परमानेंट तैनात नहीं हो पाया है.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही.
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Published : Apr 23, 2020, 3:09 PM IST

प्रतापनगर: नगर के केंद्र बिंदु और गजना पट्टी के केंद्र लमगांव में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात डॉक्टरों सहित कुल 22 पद स्वीकृत हैं. लेकिन यहां पर कोई भी अधिकारी और कर्मचारी परमानेंट तैनात नहीं हो पाया है. जितने भी अधिकारी कर्मचारी इस हॉस्पिटल में तैनात हुए हैं, वह सभी व्यवस्था और संविदा पर कार्य कर रहे हैं. इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी के साथ-साथ हर महीने 50 से 60 डिलीवरी करवाई जाती हैं, फिर भी यहांं एक भी फीमेल स्टाफ नर्स नहीं है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही.

वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते यहां पर एक डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट, एक चीफ फार्मासिस्ट, 2 मेल स्टाफ नर्स, एक बीडीएस, एक बीएमएस सफाई कर्मचारी और 3 बहु उद्देश्य कर्मचारी के साथ एक पैथोलॉजिस्ट और एक ड्राइवर कार्यरत हैं. देश और दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही है. इस समय स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, सफाई कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात अपना फर्ज निभाते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं. वहीं इस आपदा की घड़ी में लोगों की सेवा करने के बजाए लमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी आपस में ही लड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: पीएम मोदी ने अपने इस दोस्त को किया फोन, पूछा हालचाल

यहां कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप भी लगाते हैं. फार्मासिस्ट जयवीर राणा का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ मिलकर दवाइयां और जेनरेटर का तेल बाजार में बेच देते हैं. राणा ने ये आरोप भी लगाया कि एनआरएचएम का बेबी टॉवेल और कंबल बाजार में बेचे जाते हैं. जयवीर राणा का आरोप है कि एसएस कलुड़ा पदोन्नति के बाद भी लमगांव नहीं छोड़ना चाहते हैं. जबकि वह चीफ बन चुके हैं और इस अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट का पद ही नहीं है.

अस्पताल में 2 पद फॉर्मसिस्ट के हैं जो दोनों भरे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर चीफ फार्मासिस्ट एसएस कलुड़ा का कहना है कि जयवीर राणा कभी ड्यूटी नहीं करते हैं. वह अपना पेट्रोल पंप और होटल आदि चलाते हैंं.

यह भी पढ़ें: CORONA कंट्रोल में उत्तराखंड आगे, संक्रमण रोकने में बना देश का तीसरा राज्य

सीएमओ टिहरी ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

प्रतापनगर: नगर के केंद्र बिंदु और गजना पट्टी के केंद्र लमगांव में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात डॉक्टरों सहित कुल 22 पद स्वीकृत हैं. लेकिन यहां पर कोई भी अधिकारी और कर्मचारी परमानेंट तैनात नहीं हो पाया है. जितने भी अधिकारी कर्मचारी इस हॉस्पिटल में तैनात हुए हैं, वह सभी व्यवस्था और संविदा पर कार्य कर रहे हैं. इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी के साथ-साथ हर महीने 50 से 60 डिलीवरी करवाई जाती हैं, फिर भी यहांं एक भी फीमेल स्टाफ नर्स नहीं है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही.

वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते यहां पर एक डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट, एक चीफ फार्मासिस्ट, 2 मेल स्टाफ नर्स, एक बीडीएस, एक बीएमएस सफाई कर्मचारी और 3 बहु उद्देश्य कर्मचारी के साथ एक पैथोलॉजिस्ट और एक ड्राइवर कार्यरत हैं. देश और दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही है. इस समय स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, सफाई कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात अपना फर्ज निभाते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं. वहीं इस आपदा की घड़ी में लोगों की सेवा करने के बजाए लमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी आपस में ही लड़ रहे हैं.

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यहां कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप भी लगाते हैं. फार्मासिस्ट जयवीर राणा का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ मिलकर दवाइयां और जेनरेटर का तेल बाजार में बेच देते हैं. राणा ने ये आरोप भी लगाया कि एनआरएचएम का बेबी टॉवेल और कंबल बाजार में बेचे जाते हैं. जयवीर राणा का आरोप है कि एसएस कलुड़ा पदोन्नति के बाद भी लमगांव नहीं छोड़ना चाहते हैं. जबकि वह चीफ बन चुके हैं और इस अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट का पद ही नहीं है.

अस्पताल में 2 पद फॉर्मसिस्ट के हैं जो दोनों भरे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर चीफ फार्मासिस्ट एसएस कलुड़ा का कहना है कि जयवीर राणा कभी ड्यूटी नहीं करते हैं. वह अपना पेट्रोल पंप और होटल आदि चलाते हैंं.

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सीएमओ टिहरी ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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