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महिलाओं की मुहिम लाई रंग, इस तरह किया गांव में पानी की समस्या को दूर

लुठियाग गांव जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली का दूरस्थ गांव है. गांव में पानी की अत्यधिक कमी थी और ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में गांव की महिलाओं ने यहां जल संरक्षण के लिए अनूठी पहल की है.

महिलाओं ने गांव में दूर की पानी की समस्या.
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Published : Jul 25, 2019, 11:05 AM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद के विकासखण्ड जखोली के दूरस्थ गांव लुठियाग की महिलाओं ने जल संरक्षण को लेकर अनूठी पहल शुरू की है. गांव में पानी की कमी को देखते हुए महिलाओं ने गांव में श्रमदान से चाल-खाल तैयार किए है. जिससे गांव में पानी का संकट दूर हुआ है. ऐसे में पर्याप्त पानी मिलने से गांव के खेत-खलियानों में फसलें लहलहा रही हैं.

महिलाओं ने गांव में दूर की पानी की समस्या.

गौर हो कि लुठियाग गांव जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली का दूरस्थ गांव है. गांव में पानी की अत्यधिक कमी थी और ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में गांव की महिलाओं ने यहां जल संरक्षण के लिए अनूठी पहल की है. जिले का लुठियाग गांव ऐसा पहला गांव है जिसने जल संरक्षण की दिशा में कार्य शुरू किया है.

पढ़ें-वकील से मारपीट के मामले में हाई कोर्ट सख्त, आरोपियों पर 48 घंटे के अंदर FIR दर्ज करने के आदेश

साथ ही इस कार्य में महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चे भी अपना पूरा योगदान दे रहे हैं. पानी की कमी को देखते हुये ग्रामीणों ने दो वर्ष पूर्व गांव से लगभग तीन किमी दूर जंगल में पानी के लिए चाल-खाल का निर्माण करने की सोची. ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास, स्वयं के संधाधनों और श्रमदान करके तालाब का निर्माण शुरू किया. काफी मेहनत के बाद तालाब बनकर तैयार हुआ.

आज इस तालाब में करीब 11 लाख लीटर पानी जमा होता है, जिससे गांव के प्राकृति जल स्त्रोत रिचार्ज हो रहे हैं. जहां पूर्व में यह गांव बूंद-बूंद पानी के लिये मोहताज था. वहीं, आज गांव के प्रत्येक घर में पर्याप्त पानी आता है. इसके अलावा ग्रामीणों इसी पानी को सिंचाई में प्रयोग कर रहे हैं. जिससे ग्रामीणों को काश्तकारी के साथ ही फसल लहलहा रही है.

जो ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक साबित हो रही है. पानी की कमी के कारण कभी लुठियाग गांव से पलायन होने लग गया था, लेकिन जब से गांव में पानी की समस्या हल हुई है तब से पलायन पर भी ब्रेक लगा है. तालाब निर्माण में लुठियाग गांव के 104 परिवारों की महिलाओं के साथ ही पुरूषों एवं बच्चों का योगदान है.

लुठियाग गांव की महिलाओं द्वारा जल संरक्षण के लिये उठाये गये इस कदम का अनुसरण अन्य गांवों की महिलाओं ने भी कर रही हैं. आज उसी क्षेत्र के कोटी, धान्यू, महरगांव, घरड़ा, बुढ़ना, चिरबिटिया आदि गांवों में भी जल संरक्षण के लिये महिलाएं आगे आकर कार्य कर रही हैं. लुठियाग गांव की प्रधान सीता देवी का कहना है कि कभी गांव में पानी की बहुत कमी थी.

लेकिन ग्रामीणों ने एकमत होकर गांव से तीन किमी उपर झील का निर्माण किया. इस झील में बारिश का पानी संग्रहित होता है. जिससे गांव में कभी भी पानी की दिक्कतें नहीं होती हैं. वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि रिलायंस फाउंडेशन ने गांव की महिलाओं को मोटिवेट किया. जिसके बाद गांव के ऊपर महिलाओं ने पानी के तालाब का निर्माण किया. आज गांव में किसी भी प्रकार से पानी की कमी नहीं है.

रुद्रप्रयाग: जनपद के विकासखण्ड जखोली के दूरस्थ गांव लुठियाग की महिलाओं ने जल संरक्षण को लेकर अनूठी पहल शुरू की है. गांव में पानी की कमी को देखते हुए महिलाओं ने गांव में श्रमदान से चाल-खाल तैयार किए है. जिससे गांव में पानी का संकट दूर हुआ है. ऐसे में पर्याप्त पानी मिलने से गांव के खेत-खलियानों में फसलें लहलहा रही हैं.

महिलाओं ने गांव में दूर की पानी की समस्या.

गौर हो कि लुठियाग गांव जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली का दूरस्थ गांव है. गांव में पानी की अत्यधिक कमी थी और ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में गांव की महिलाओं ने यहां जल संरक्षण के लिए अनूठी पहल की है. जिले का लुठियाग गांव ऐसा पहला गांव है जिसने जल संरक्षण की दिशा में कार्य शुरू किया है.

पढ़ें-वकील से मारपीट के मामले में हाई कोर्ट सख्त, आरोपियों पर 48 घंटे के अंदर FIR दर्ज करने के आदेश

साथ ही इस कार्य में महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चे भी अपना पूरा योगदान दे रहे हैं. पानी की कमी को देखते हुये ग्रामीणों ने दो वर्ष पूर्व गांव से लगभग तीन किमी दूर जंगल में पानी के लिए चाल-खाल का निर्माण करने की सोची. ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास, स्वयं के संधाधनों और श्रमदान करके तालाब का निर्माण शुरू किया. काफी मेहनत के बाद तालाब बनकर तैयार हुआ.

आज इस तालाब में करीब 11 लाख लीटर पानी जमा होता है, जिससे गांव के प्राकृति जल स्त्रोत रिचार्ज हो रहे हैं. जहां पूर्व में यह गांव बूंद-बूंद पानी के लिये मोहताज था. वहीं, आज गांव के प्रत्येक घर में पर्याप्त पानी आता है. इसके अलावा ग्रामीणों इसी पानी को सिंचाई में प्रयोग कर रहे हैं. जिससे ग्रामीणों को काश्तकारी के साथ ही फसल लहलहा रही है.

जो ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक साबित हो रही है. पानी की कमी के कारण कभी लुठियाग गांव से पलायन होने लग गया था, लेकिन जब से गांव में पानी की समस्या हल हुई है तब से पलायन पर भी ब्रेक लगा है. तालाब निर्माण में लुठियाग गांव के 104 परिवारों की महिलाओं के साथ ही पुरूषों एवं बच्चों का योगदान है.

लुठियाग गांव की महिलाओं द्वारा जल संरक्षण के लिये उठाये गये इस कदम का अनुसरण अन्य गांवों की महिलाओं ने भी कर रही हैं. आज उसी क्षेत्र के कोटी, धान्यू, महरगांव, घरड़ा, बुढ़ना, चिरबिटिया आदि गांवों में भी जल संरक्षण के लिये महिलाएं आगे आकर कार्य कर रही हैं. लुठियाग गांव की प्रधान सीता देवी का कहना है कि कभी गांव में पानी की बहुत कमी थी.

लेकिन ग्रामीणों ने एकमत होकर गांव से तीन किमी उपर झील का निर्माण किया. इस झील में बारिश का पानी संग्रहित होता है. जिससे गांव में कभी भी पानी की दिक्कतें नहीं होती हैं. वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि रिलायंस फाउंडेशन ने गांव की महिलाओं को मोटिवेट किया. जिसके बाद गांव के ऊपर महिलाओं ने पानी के तालाब का निर्माण किया. आज गांव में किसी भी प्रकार से पानी की कमी नहीं है.

Intro:जल संरक्षण को लेकर लुठियाग गांव की महिलाओं की अनूठी पहल
गांव से तीन किमी दूर जंगल में किया झील का निर्माण
झील में होता है बरसात का 11 लाख लीटर पानी एकत्रित
झील के पानी से सब्जी उगाकर महिलाएं कर रही हैं आर्थिकी मजबूत

एंकर - रुद्रप्रयाग जनपद के विकासखण्ड जखोली के दूरस्थ गांव लुठियाग की महिलाओं ने जल संरक्षण को लेकर अनूठी पहल की है। गांव में पानी की कमी को देखते हुये महिलाओं ने गांव के ऊपर पानी की चरियों (तालाब) का निर्माण श्रमदान से किया है। तालाब में एकत्रित होने वाले पानी से गांव के नीचे स्थित जल स्त्रोत चार्ज होते रहते हैं, जिससे कभी भी गांव में पानी की कमी नहीं होती है। पानी की कमी न होने के कारण गांव में खेती भी अच्छे तरीके से होती है। इस पानी से ग्रामीण अपने खेत-खलिहानों की सिंचाई भी करते हैं। जनपद में लुठियाग पहला गांव है, जिसने इस प्रकार से जल संरक्षण का कार्य किया है। जल संरक्षण करने के इस कार्य में महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चों का भी बराबर का योगदान रहा है।
Body:वीओ 1 - लुठियाग गांव जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली का दूरस्थ गांव है। गांव में पानी की अत्यधिक कमी है। जिस कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। पानी की कमी को देखते हुये ग्रामीणों ने दो वर्ष पूर्व गांव से लगभग तीन किमी दूर जंगल में पानी की चरियां (तालाब) निर्माण करने की सोची। सभी ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास, स्वयं के संधाधनों और श्रमदान करके तालाब का निर्माण शुरू कर दिया। ग्रामीणों की काफी मेहनत के बाद तालाब बनकर तैयार हुआ। आज इस तालाब में 11 लाख लीटर पानी जमा होता है, जिससे गांव के प्राकृति जल स्त्रोत रिचार्ज होते हैं। जहां पूर्व में यह गांव बूंद-बूंद पानी के लिये मोहजात था। वहीं आज गांव के प्रत्येक घर में पानी है। इसके अलावा ग्रामीण इस पानी से साग-सब्जी की खेती भी अच्छे तरीके से कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। पानी की कमी के कारण कभी लुठियाग गांव से पलायन होने लग गया था, लेकिन जब से गांव के उपर तालाब का निर्माण हुआ है, तब से लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। पानी के तालाब निर्माण में लुठियाग गांव के 104 परिवारों की महिलाओं के साथ ही पुरूषों एवं बच्चों का योगदान है। इस पानी से उगने वाली साग-सब्जी को ग्रामीण आज बाजार में बेचकर आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे हैं।

लुठियाग गांव की महिलाओं द्वारा जल संरक्षण के लिये उठाये गये इस कदम का अनुसरण अन्य गांवों की महिलाओं ने भी किया है। आज उसी क्षेत्र के कोटी, धान्यू, महरगांव, घरड़ा, बुढ़ना, चिरबिटिया आदि गांवों में भी जल संरक्षण के लिये महिलाएं इस प्रकार का कार्य कर रही हैं।

लुठियाग गांव की प्रधान सीता देवी का कहना है कि कभी गांव में पानी की बहुत कमी थी, लेकिन ग्रामीणों ने एकमत होकर गांव से तीन किमी उपर झील का निर्माण किया। इस झील में बारिश का पानी संग्रहित होता है। जिससे गांव में कभी भी पानी की दिक्कतें नहीं होती हैं।

बाइट 1 - सीता देवी, ग्राम प्रधान लुठियाग
Conclusion:वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि रिलायंस फाउंडेशन ने गांव की महिलाओं को मोटिवेट किया। जिसके बाद गांव के उपर महिलाओं ने पानी के तालाब का निर्माण किया। आज गांव में किसी भी प्रकार से पानी की कमी नहीं है।
बाइट 2 - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग
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