रुद्रप्रयागः मिनी स्विट्जरलैंड से फेमस चोपता और तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा है. इतना ही नहीं महिलाओं ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध किया. साथ ही सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. विरोध बढ़ता देख टीम बैरंग वापस लौट गई. इस दौरान व्यापारियों, महिलाओं, ग्रामीणों और प्रशासन के बीच काफी नोकझोंक भी हुई.
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को तहसील, पुलिस प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी फोर्स व जेसीबी मशीनों के साथ तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण हटाने के लिए मक्कूबैंड पहुंचे, लेकिन वहां पहले से मौजूद सैकड़ों व्यापारियों, ग्रामीण महिलाओं ने अतिक्रमण हटाने का पुरजोर विरोध कर दिया. धरना देकर प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया.
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व्यापारियों और ग्रामीणों का कहना था कि एक तरफ सरकार तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी तरफ सालों से यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्थानीय व्यापारियों की ओर से लगातार रोजगार और पर्यटन नीति बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार मौन है.
उनका कहना है कि चारधाम यात्रा का संचालन युगों से हो रहा है. स्थानीय लोगों की ओर से भी युगों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है. फिर भी स्थानीय हक हकूकधारियों की रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची जा रही है. व्यापारियों और ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट में तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों व युवाओं का पक्ष रखने की पहल करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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जेसीबी मशीन पर चढ़ गईं महिलाएं, माहौल गरमायाः उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रदेश सरकार की तरफ से पहल नहीं की गई. इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार की ओर से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. वहीं, तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैंड पर दोपहर बाद जैसे ही अतिक्रमण हटाने की तैयारी हुई तो महिलाओं ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर विरोध करना शुरू कर दिया. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.
इस दौरान पुलिस, तहसील प्रशासन, वन विभाग, ग्रामीण महिलाओं और व्यापारियों के बीच गहमागहमी में देखने को मिली. जिसकी वजह से जेसीबी मशीनों को हल्का नुकसान भी पहुंचा. टीम अतिक्रमण हटाने के लिए आगे बढ़ ही नहीं पाई. महिलाओं ने चौतरफा से घेर लिया.
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क्या बोले एसडीएम जितेंद्र वर्मा? वहीं, घटना स्थल पर पहुंचे एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने ग्रामीणों और व्यापारियों को तीन दिन का समय दिया है. उन्होंने कहा कि या तो व्यापारी कोर्ट में अपना पक्ष रखें या फिर व्यापारियों का शिष्टमंडल तहसील प्रशासन से वार्ता के लिए पहुंचे. बीच का सुझाव निकालने के बाद ही कोर्ट के आदेशों का पालन हो सकता है.