रुद्रप्रयाग: त्रियुगीनारायण क्षेत्र के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर पिछले 1 महीने से लगातार क्रमिक अनशन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र ना होने से उन्हें इलाज के लिए दूर-दराज के चक्कर लगाने पड़ते हैं. वहीं, ग्रामीणों ने का कहना है कि त्रियुगीनारायण में जबतक स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोला जाता, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही लगातार जारी रहेगा.
रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव त्रियुगीनाराण को शिव-पार्वती विवाह स्थल माना जाता है. यहां पर 4 सौ से ज्यादा परिवार निवास करते हैं. क्षेत्र की जनसंख्या 4 हजार से भी अधिक है. यहां के लोगों का जीवन यापन केदारनाथ और त्रियुगीनारायण की यात्रा पर आश्रित है. भारत के अलावा विभिन्न देशों के लोग केदारनाथ धाम के अलावा त्रियुगीनारायण के दर्शनों के लिए भी जाते हैं. त्रियुगीनारायण क्षेत्र के लोगों को अगर छोटी-मोटी बीमारी भी होती है तो उन्हों कई किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर इलाज कराना पड़ता है. कभी-कभार तो प्राथमिक उपचार मिलने से पहले ही व्यक्ति रास्ते में ही दम तोड़ देता है.
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वहीं, गांव त्रियुगीनाराण में स्वास्थ्य केंद्र ना होने से ग्रामीण पिछले एक महीने से लगातार क्रमिक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र ना होने की गुहार मंत्रियों, विधायकों और यहां तक कि प्रदेश सरकार से भी लगा चुके हैं. लेकिन कोई भी जिम्मेदार उनकी समस्या की ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सैलानी यहां हर साल लाखों की तादाद में पहुंचते हैं. लेकिन उनको भी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. त्रियुगीनारायण क्षेत्र की जनसंख्या अधिक है. ऐसे में यहां पर एक स्वास्थ्य केंद्र अवश्य खोला जाना चाहिए.