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सड़क सुविधा से महरूम सरूणा गांव, ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

मार्ग को लेकर कोरे आश्वासनों से ग्रामीण आजिज आ चुके हैं. वहीं ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी है.

Rudraprayag ukhimath block saruna village news
मोटरमार्ग निर्माण की मांग.
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Published : Nov 10, 2020, 2:27 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में कई दूरस्थ गांव ऐसे भी हैं, जो अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो पा रहा है. वहीं गांवों से लगातार पलायन जारी है. तहसील मुख्यालय ऊखीमठ से मात्र पांच किमी दूर स्थित सरूणा गांव के ग्रामीण वर्षों से मोटरमार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक मोटर मार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है.

सड़क सुविधा से महरूम सरूणा गांव.

मोटरमार्ग के अभाव में ग्रामीणों को तीन किमी खड़ी चढ़ाई पार करके रोजमर्रा की सामग्री ढ़ोनी पड़ती है. कई बार बीमार लोगों को चिकित्सालय पहुंचाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थिति यह है कि ग्रामीण अपनी बहू-बेटियों को प्रसव के लिए दूसरी जगह भेज देते हैं. सरूणा गांव के ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि 2022 के चुनाव से पूर्व गांव सड़क से नहीं जुड़ता है तो चुनाव का बहिष्कार किया जायेगा और किसी भी नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा.

यह भी पढे़ं-जानिए उत्तराखंड में आज क्या हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

ग्रामीण महिला पार्वती देवी का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि गांवों का खूब दौरा करते हैं और मोटरमार्ग के निर्माण पर कोरे आश्वासन देकर चले जाते हैं. चुनाव जीतने पर कोई भी जनप्रतिनिधि गांव में नहीं पहुंचता है. गांव के युवा राहुल रावत का कहना है कि बीस वर्षों से गांव आज तक मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाया है. ग्रामीणों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.

रुद्रप्रयाग: जिले में कई दूरस्थ गांव ऐसे भी हैं, जो अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो पा रहा है. वहीं गांवों से लगातार पलायन जारी है. तहसील मुख्यालय ऊखीमठ से मात्र पांच किमी दूर स्थित सरूणा गांव के ग्रामीण वर्षों से मोटरमार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक मोटर मार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है.

सड़क सुविधा से महरूम सरूणा गांव.

मोटरमार्ग के अभाव में ग्रामीणों को तीन किमी खड़ी चढ़ाई पार करके रोजमर्रा की सामग्री ढ़ोनी पड़ती है. कई बार बीमार लोगों को चिकित्सालय पहुंचाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थिति यह है कि ग्रामीण अपनी बहू-बेटियों को प्रसव के लिए दूसरी जगह भेज देते हैं. सरूणा गांव के ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि 2022 के चुनाव से पूर्व गांव सड़क से नहीं जुड़ता है तो चुनाव का बहिष्कार किया जायेगा और किसी भी नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा.

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ग्रामीण महिला पार्वती देवी का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि गांवों का खूब दौरा करते हैं और मोटरमार्ग के निर्माण पर कोरे आश्वासन देकर चले जाते हैं. चुनाव जीतने पर कोई भी जनप्रतिनिधि गांव में नहीं पहुंचता है. गांव के युवा राहुल रावत का कहना है कि बीस वर्षों से गांव आज तक मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाया है. ग्रामीणों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.

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