रुद्रप्रयाग: 18 सालों से सरकार की उदासीनता से तंग आकर हाट गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान कर मंदाकिनी नदी के ऊपर अस्थाई पुल का निर्माण किया है. इस पुल निर्माण से ग्रामीणों को 35 किमी के अतिरिक्त सफर करने से निजात मिल गया.
मामला बसुकेदार तहसील अंतर्गत हाट बस्टी बांसवाड़ा मोटरमार्ग को केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़े जाने का है. वर्ष 2002 में हाट बस्टी बांसवाड़ा मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली थी. पीएमजीएसवाई के तहत यह मार्ग बने लगभग एक दशक हो चुका है, लेकिन विभाग इसे हाट गांव के पास केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए पुल बनाना भूल गया, जबकि प्रारम्भ से अंत तक इसका डामरीकरण भी हो चुका है.
अगर पुल बन जाता तो ग्रामीणों को हाईवे पर आने के लिए मात्र एक किमी का सफर तय करना पड़ता, लेकिन पुल न बनने से ग्रामीणों को लगभग 35 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है. साथ ही समय एवं किराया भी अधिक लग रहा है. ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन से पुल निर्माण के लिए गुहार लगाई, लेकिन पुल की फाइल बजट के लिए भटकती रही.
ये भी पढ़ें: चंद्र ग्रहण 2020: कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं लगेगा सूतक, जानिए कारण
ग्रामीणों ने फिलहाल मंदाकिनी नदी पर गबनी गांव के पास एक अस्थाई पैदल पुल का निर्माण किया है, जिससे उन्हें परेशानी से थोड़ी राहत मिल गई है. सामाजिक कार्यकर्ता सत्येंद्र पडियार ने बताया कि पुल न बनने से लोगों को चार पांच किमी पैदल चलकर चन्द्रापुरी या गंगानगर तक आना पड़ रहा था. वहीं, चन्द्रापुरी से बांसवाड़ा होकर बस्टी और कुण्ड के लिए 16 किमी चलना पड़ता है, जबकि पुल बन जाने से यह दूरी मात्र दस किमी रह जायेगी.
हाट गांव के प्रधान रामचन्द्र गोस्वामी ने बताया कि पिछले दो तीन वर्षों से लोनिवि ऊखीमठ यहां पर अस्थाई पैदल पुल बनाता था, लेकिन इस बार उन्होंने बजट की कमी के कारण पुल बनाने से हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद ग्रामीणों ने श्रमदान से एक अस्थाई पुल का निर्माण किया है, जिससे कुछ राहत मिली है.
लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ के अधिशासी अभियंता मनोज भट्ट का कहना है कि हाट बस्टी बांसवाड़ा मोटर मार्ग को केदारनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए गवनी गांव में मंदाकिनी नदी पर सौ मीटर स्पान पुल बनना है. डिजाइन में अंतर आने से दो माह पूर्व शासन को 19 करोड़ रुपए का रिवाइज इस्टीमेट भेजा है.