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राज्य आंदोलनकारी गंगाधर सेमवाल का निधन, शोक में डूबी केदारघाटी

राज्य आंदोलनकारी गंगाधर सेमवाल का निधन हो गया है. उनके निधन से केदारघाटी शोक में डूब गई है. गंगाधर सेमवाल ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी.

गंगाधर सेमवाल
गंगाधर सेमवाल
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Published : Jun 17, 2020, 5:53 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले उक्रांद नेता गंगाधर सेमवाल (61) के आकस्मिक निधन से केदारघाटी शोक में डूब गई है. सेमवाल बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. देहरादून में उनका उपचार चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. बुधवार को हरिद्वार में उनका अन्तिम संस्कार किया गया.

पढ़ें- पतंजलि ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा, बालकृष्ण बोले- सैकड़ों मरीज हो चुके हैं ठीक

अन्द्रवाड़ी गांव, गुप्तकाशी के निवासी गंगाधर सेमवाल उत्तराखंड राज्य आंदोलन के पर्याय थे. सेमवाल राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे. उनके शपथ ग्रहण में उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक इंद्रमणि बडोनी भी पहुंचे थे. 1986 में अकाल-सूखा पीड़ितों की सेवा करने से उन्होंने अपना सामाजिक जीवन शुरू किया था. इसके बाद उत्तराखंड क्रांति दल के साथ सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर उन्होंने निरंतर कार्य किया. वे उक्रांद के केन्द्रीय सचिव के साथ ही चुनाव संचालन समिति के सदस्य भी थे.

राज्य बनने से पूर्व बदरी-केदार विधानसभा क्षेत्र और बाद में केदारनाथ क्षेत्र से उन्होंने विधायक का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि वे जीत नहीं पाए थे. वे अपनी ग्राम सभा के प्रधान रहे और निरंतर क्षेत्र की उन्नति में अपना योगदान देते रहे.

पढ़ें- आपदा के 7 साल बाद कितनी बदली केदारघाटी? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

गंगाधर सेमवाल के निधन पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, शैलारानी रावत और बीकेटीसी के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की है.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले उक्रांद नेता गंगाधर सेमवाल (61) के आकस्मिक निधन से केदारघाटी शोक में डूब गई है. सेमवाल बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. देहरादून में उनका उपचार चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. बुधवार को हरिद्वार में उनका अन्तिम संस्कार किया गया.

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अन्द्रवाड़ी गांव, गुप्तकाशी के निवासी गंगाधर सेमवाल उत्तराखंड राज्य आंदोलन के पर्याय थे. सेमवाल राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे. उनके शपथ ग्रहण में उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक इंद्रमणि बडोनी भी पहुंचे थे. 1986 में अकाल-सूखा पीड़ितों की सेवा करने से उन्होंने अपना सामाजिक जीवन शुरू किया था. इसके बाद उत्तराखंड क्रांति दल के साथ सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर उन्होंने निरंतर कार्य किया. वे उक्रांद के केन्द्रीय सचिव के साथ ही चुनाव संचालन समिति के सदस्य भी थे.

राज्य बनने से पूर्व बदरी-केदार विधानसभा क्षेत्र और बाद में केदारनाथ क्षेत्र से उन्होंने विधायक का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि वे जीत नहीं पाए थे. वे अपनी ग्राम सभा के प्रधान रहे और निरंतर क्षेत्र की उन्नति में अपना योगदान देते रहे.

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