रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग की हजारों की आबादी के अलावा एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला मोटरमार्ग जानलेवा बना हुआ है. आलम यह है कि मोटरमार्ग का पूरा डामर उखड़ चुका है और मोटरमार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. इतना ही नहीं मोटरमार्ग किनारे नालियों का निर्माण न होने के कारण स्थानीय जनता, व्यापारियों व स्कूली छात्रों को आवाजाही करने में भारी परेशानियां हो रही हैं. साथ ही दोपहिया वाहन सवार भी यहां चोटिल हो रहे हैं.
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग के बस अड्डे से मुख्यालय की हजारों की आबादी और एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग-तूना-बौंठा मोटरमार्ग की हालत बदतर बनी हुई है. कुछ महीनों पहले मोटर मार्ग के दोनों ओर किये गये अतिक्रमण को तो ध्वस्त किया गया, लेकिन इसके बाद भी मोटरमार्ग का कोई सुधारीकरण नहीं किया गया, जबकि कुछ प्रभावशाली लोगों का अतिक्रमण भी नहीं हटाया गया है, जिससे इन जगहों पर मार्ग संकरा है और लोगों को दिक्कतें हो रही है. मोटरमार्ग से आये दिन हजारों लोग गुजरते हैं. लेकिन दयनीय स्थिति के कारण उन्हें भारी परेशानियां होती हैं.
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मोटरमार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे पड़े होने के साथ ही वर्षों पहले बिछाया गया डामर भी पूरी तरह उखड़ चुका है. इतना ही नहीं नालियां न होने से गंदा पानी मोटर मार्ग के बीच में बह रहा है. मोटर मार्ग की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कोई मोटरमार्ग नहीं, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र का कोई पैदल संपर्क मार्ग है.जिपंस नरेन्द्र सिंह बिष्ट, स्थानीय निवासी कुलदीप कप्रवाण, शैलेन्द्र नौटियाल, अरविंद सेमवाल ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को समस्या से अवगत कराते-कराते थक चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
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आए दिन दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं. जबकि स्कूली बच्चों को भी सफर करने में कई दिक्कतें हो रही हैं. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी सब कुछ जानने के बाद भी मौन साधे हुए हैं. वहीं इस संबंध में रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चैधरी ने बताया कि मोटरमार्ग के सुधारीकरण को लेकर शासन को करीब दो करोड़ का एस्टीमेट भेजा गया है. वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद 9 किमी मोटर मार्ग की स्थिति को सुधारा जायेगा.