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शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हुए बाबा तुंगनाथ, शनिवार से शुरू होगी पूजा अर्चना - बाबा तुंगनाथ उत्सव डोली

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली छह माह के लिये अपने शीतकालीन गद्दीस्थल तुंगनाथ मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो गई है. अब भक्त 6 महीने तक तुंगनाथ के दर्शन यहीं करेंगे.

Rudraprayag Baba Tungnath
बाबा तुंगनाथ उत्सव डोली
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Published : Nov 6, 2020, 7:06 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर महादेव तीर्थ मक्कूमठ में विराजमान हो गयी है. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा से डोली की अगुवाई की. शनिवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में विधिवत होगी.

बता दें, भनकुंड में पंडित विनोद मैठाणी, प्रकाश चंद्र मैठाणी एवं आशीष मैठाणी ने बह्मबेला में भगवान तुंगनाथ की आरती की. परंपरा के अनुसार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को भोग अर्पित किया. ठीक 10 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुंड से अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. डोली आगमन पर विभिन्न स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प और अक्षत से स्वागत किया. इस दौरान अनेक प्रकार की पूज्यार्थ सामाग्रियां और लाल पीले वस्त्र अर्पित किये.

शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हुए बाबा तुंगनाथ.

पढ़ें- चैंपियन Audio विवाद पर बंशीधर भगत ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई

ठीक 2 बजे भगवान तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल पहुंची. मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा की और भूतनाथ मंदिर में शीश नवाकर अपने शीतकालीन गद्दी के परिसर में विराजमान हुई. डोली विराजमान होते ही ग्रामीणों ने सामूहिक अर्ध्य अर्पित किया. इस मौके पर तृतीय केदार तुंगनाथ दर्शन यूट्यूब चैनल का विमोचन भी किया गया.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर महादेव तीर्थ मक्कूमठ में विराजमान हो गयी है. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा से डोली की अगुवाई की. शनिवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में विधिवत होगी.

बता दें, भनकुंड में पंडित विनोद मैठाणी, प्रकाश चंद्र मैठाणी एवं आशीष मैठाणी ने बह्मबेला में भगवान तुंगनाथ की आरती की. परंपरा के अनुसार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को भोग अर्पित किया. ठीक 10 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुंड से अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. डोली आगमन पर विभिन्न स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प और अक्षत से स्वागत किया. इस दौरान अनेक प्रकार की पूज्यार्थ सामाग्रियां और लाल पीले वस्त्र अर्पित किये.

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ठीक 2 बजे भगवान तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल पहुंची. मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा की और भूतनाथ मंदिर में शीश नवाकर अपने शीतकालीन गद्दी के परिसर में विराजमान हुई. डोली विराजमान होते ही ग्रामीणों ने सामूहिक अर्ध्य अर्पित किया. इस मौके पर तृतीय केदार तुंगनाथ दर्शन यूट्यूब चैनल का विमोचन भी किया गया.

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