रुद्रप्रयाग: मिनी स्वीजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता-दुगलबिट्टा में जमकर बर्फबारी हो रही है. वैसे तो अप्रैल माह में चोपता में बर्फबारी होना काफी खुशी की बात है, लेकिन इस बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. पर्यटकों में कोरोना को लेकर काफी डर बना हुआ है, जिस कारण पर्यटक स्थल सुनसान नजर आ रहे हैं. पर्यटकों के न पहुंचने से स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है.
बता दें पिछले तीन माह से जिले में बारिश और बर्फबारी नहीं हुई थी, जिसके कारण पर्यटक स्थल चोपता, दुगलबिट्टा, देवरियाताल की तरफ सैलानियों ने रुख नहीं किया. यहां तक कि बारिश न होने से यहां गर्मी बढ़ने लगी थी. मगर अब अचानक से मौसम के करवट बदलने से तीन दिनों से लगातार ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है.
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इस बेमौसमी बारिश से किसी को भी कोई फायदा नहीं पहुंच रहा है. बेमौसमी बारिश होने से जहां काश्तकारों की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं पर्यटक स्थलों में हो रही बर्फबारी के बाद भी कोई सैलानी नहीं पहुंच रहे हैं. सैलानी कोरोना के डर से पर्यटक स्थलों की ओर जाना पसंद नहीं कर रहे हैं.
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पर्यटक स्थल चोपता में भी जमकर बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी ने चोपता की सुंदरता पर चार चांद लगा दिए हैं. पर्यटकों के चोपता न पहुंचने से व्यापारियों में भी मायूसी छाई हुई है. कोरोना महामारी के कारण सैलानी पर्यटक स्थलों की ओर जाने से कतरा रहे हैं. ऐसे में स्थानीय व्यवसाय भी चौपट हो गया है.
होटल व्यवसायी आशीष नौटियाल ने बताया कि चोपता में काफी बर्फबारी हुई है, लेकिन इस बर्फबारी के बाद भी कोई सैलानी यहां नहीं आ रहा है. कोरोना महामारी के चलते सरकार ने दो बजे दोपहर बाद बाजारों को बंद करवा दिये हैं. ऐसे में सैलानी भी किस तरह से पर्यटक स्थलों की ओर रूख करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को पर्यटक स्थलों में जाने वाले सैलानियों को छूट देनी चाहिए.