रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में दो महीने से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज का आंदोलन जारी है. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने अब बदरीनाथ धाम कूच करने की चेतावनी दी है. साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को झूठा बताया है.
तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में बाबा केदार के भजन गाते हुये केदारनाथ मंदिर की परिक्रमा की और मंदिर से आधा किमी दूर हेलीपैड तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया. इस मौके पर तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह कहकर देव स्थानम बोर्ड का गठन किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारों धामों में बोर्ड का गठन करने की पैरवी की है. लेकिन प्रधानमंत्री ने बोर्ड के गठन को लेकर कोई पैरवी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत झूठ बोल रहे हैं.
बोर्ड गठन पर कब क्या: चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को एक बोर्ड के अधीन लाने को लेकर साल 2019 में प्रस्ताव तैयार किया गया था. 27 नवंबर 2019 को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर में बने श्राइन एक्ट की तर्ज पर उत्तराखंड चारधाम बोर्ड विधेयक-2019 को मंजूरी दी गयी. फिर इस विधेयक को 5 दिसंबर 2019 में हुए सत्र के दौरान सदन के भीतर पारित कर दिया गया.
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इसके बाद 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद एक्ट के रूप में प्रभावी हो गया. 24 फरवरी 2020 को चारधाम देवस्थानम बोर्ड का सीईओ नियुक्त किया गया था. तब से चारों धामों के तीर्थ पुरोहित समाज बोर्ड का विरोध कर रहे हैं.
केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन पिछले दो महीनों से जारी है. तीर्थ पुरोहित कभी शीर्षासन आंदोलन तो कभी धरने पर बैठ रहे हैं. अब तीर्थ पुरोहितों ने आमरण अनशन करने की भी ठान ली है.