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शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान हुई बाबा तुंगनाथ की डोली

अपने प्रवास स्थल भनकुंड से आज 10 बजे सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. ऐसे में मक्कूमठ पहुंचने पर ग्रामीणों ने चल विग्रह डोली का भव्य स्वागत किया.

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Published : Nov 9, 2022, 4:45 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हो गई है. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ आगमन पर श्रद्धालुओं व ग्रामीणों में भारी उत्साह देखने को मिला. गुरुवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी. वहीं, भगवान तुंगनाथ की डोली के मक्कूमठ आगमन पर भक्तों ने विशाल भंडारे का भी आयोजन किया.

बुधवार को ब्रह्म बेला पर भनकुंड में विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये संपंन कर भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस देवी-देवताओं का आह्वान किया. ठीक 10 बजे सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. ऐसे में जगह-जगह ग्रामीणों ने पुष्प, अक्षत्रों से डोली का भव्य स्वागत किया तथा राकेश्वरी नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली सहित विभिन्न देवी-देवताओं के निशाणों ने गंगा स्नान किया. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचने पर ग्रामीणों व भक्तों ने लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. साथ ही अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्घ्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की.

पढ़ें- उत्तराखंड स्थापना दिवसः 22 साल से राजधानी और भू कानून का मुद्दा बरकरार

वहीं, भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होने पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी ने दान की परम्पराओं का निर्वहन किया तथा विद्वान आचार्यों ने अनेक पूजाएं संपंन कर आरती उतारी. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल के गर्भगृह में विराजमान हुई. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर मेरठ निवासी बीरेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में 16 सदस्यों ने विशाल भंडारे का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रतिभाग किया.

मन्दिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि अगले वर्ष से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने तथा डोली के कैलाश से मक्कूमठ आगमन पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ मन्दिर को भव्य रूप से सजाने की कार्य योजना मन्दिर समिति द्वारा तैयार की जा रही है. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि मन्दिर समिति शीतकालीन गद्दीस्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार शुरू करने की तैयारी कर रही है, जिससे शीतकालीन यात्रा में वृद्धि हो सके.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हो गई है. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ आगमन पर श्रद्धालुओं व ग्रामीणों में भारी उत्साह देखने को मिला. गुरुवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी. वहीं, भगवान तुंगनाथ की डोली के मक्कूमठ आगमन पर भक्तों ने विशाल भंडारे का भी आयोजन किया.

बुधवार को ब्रह्म बेला पर भनकुंड में विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये संपंन कर भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस देवी-देवताओं का आह्वान किया. ठीक 10 बजे सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. ऐसे में जगह-जगह ग्रामीणों ने पुष्प, अक्षत्रों से डोली का भव्य स्वागत किया तथा राकेश्वरी नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली सहित विभिन्न देवी-देवताओं के निशाणों ने गंगा स्नान किया. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचने पर ग्रामीणों व भक्तों ने लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. साथ ही अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्घ्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की.

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वहीं, भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होने पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी ने दान की परम्पराओं का निर्वहन किया तथा विद्वान आचार्यों ने अनेक पूजाएं संपंन कर आरती उतारी. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल के गर्भगृह में विराजमान हुई. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर मेरठ निवासी बीरेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में 16 सदस्यों ने विशाल भंडारे का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रतिभाग किया.

मन्दिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि अगले वर्ष से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने तथा डोली के कैलाश से मक्कूमठ आगमन पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ मन्दिर को भव्य रूप से सजाने की कार्य योजना मन्दिर समिति द्वारा तैयार की जा रही है. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि मन्दिर समिति शीतकालीन गद्दीस्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार शुरू करने की तैयारी कर रही है, जिससे शीतकालीन यात्रा में वृद्धि हो सके.

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