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रुद्रप्रयाग: बिना पुरोहित समिति की अनुमति के शादी-विवाह रोकने की मांग

कोरोनाकाल में तीर्थ पुरोहितों ने जिलाधिकारी मनुज गोयल से त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह आयोजन पर रोक लगाने की मांग की.

त्रियुगीनारायण मंदिर
त्रियुगीनारायण मंदिर
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Published : May 6, 2021, 10:41 AM IST

रुद्रप्रयाग: शिव-पार्वती के विवाह स्थल पौराणिक मंदिर त्रियुगीनारायण के तीर्थ पुरोहित समिति ने कोरोना के दौरान बिना उनकी अनुमति पर हो रहे शादी-विवाह का विरोध किया है. तीर्थपुरोहितों ने जिलाधिकारी मनुज गोयल को ज्ञापन देकर त्रियुगीनारायण मंदिर में कोरोना संक्रमण के इस संकट में हो रहे शादी-विवाह पर रोक लगाने की मांग की है.


जिलाधिकारी मनुज गोयल को दिए ज्ञापन में तीर्थ पुरोहित समिति त्रियुगीनारायण के अध्यक्ष भक्तदर्शन सेमवाल, सचिव श्रीनंद और कोषाध्यक्ष गंगाराम ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए एक और सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. वहीं कई अराजक लोग बिना तीर्थपुरोहित समाज को विश्वास में लिए मंदिर में शादी-विवाह करा रहे हैं. यह मंदिर की मर्यादा के खिलाफ है, जबकि कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिन से गांव में कई लोग बुखार से पीड़ित हैं. जिससे बाहरी लोगों के यहां आकर संक्रमण फैलने की भी संभावनाएं बनी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से तीर्थपुरोहित समाज काफी नाराज है.

पढ़ें: एम्स और हल्द्वानी में तीन दिन में बन जाएगा ऑक्सीजन प्लांट: CM

उन्होंने जिलाधिकारी से निवेदन करते हुए कहा कि बिना तीर्थ पुरोहित समिति को सूचित किए कोई व्यक्ति शादी-विवाह करवाने आते जाते हैं तो उन्हें शीघ्र रुकवाया जाए. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के चलते इस वक्त कोविड संक्रमण का भय बना है. ऐसे में इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए ताकि गांव के लोग और तीर्थपुरोहित सुरक्षित रह सकें.

रुद्रप्रयाग: शिव-पार्वती के विवाह स्थल पौराणिक मंदिर त्रियुगीनारायण के तीर्थ पुरोहित समिति ने कोरोना के दौरान बिना उनकी अनुमति पर हो रहे शादी-विवाह का विरोध किया है. तीर्थपुरोहितों ने जिलाधिकारी मनुज गोयल को ज्ञापन देकर त्रियुगीनारायण मंदिर में कोरोना संक्रमण के इस संकट में हो रहे शादी-विवाह पर रोक लगाने की मांग की है.


जिलाधिकारी मनुज गोयल को दिए ज्ञापन में तीर्थ पुरोहित समिति त्रियुगीनारायण के अध्यक्ष भक्तदर्शन सेमवाल, सचिव श्रीनंद और कोषाध्यक्ष गंगाराम ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए एक और सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. वहीं कई अराजक लोग बिना तीर्थपुरोहित समाज को विश्वास में लिए मंदिर में शादी-विवाह करा रहे हैं. यह मंदिर की मर्यादा के खिलाफ है, जबकि कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिन से गांव में कई लोग बुखार से पीड़ित हैं. जिससे बाहरी लोगों के यहां आकर संक्रमण फैलने की भी संभावनाएं बनी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से तीर्थपुरोहित समाज काफी नाराज है.

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उन्होंने जिलाधिकारी से निवेदन करते हुए कहा कि बिना तीर्थ पुरोहित समिति को सूचित किए कोई व्यक्ति शादी-विवाह करवाने आते जाते हैं तो उन्हें शीघ्र रुकवाया जाए. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के चलते इस वक्त कोविड संक्रमण का भय बना है. ऐसे में इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए ताकि गांव के लोग और तीर्थपुरोहित सुरक्षित रह सकें.

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