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रुद्रप्रयाग पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा, 1971 के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को 50 साल पूरे हो चुके हैं. भारतीय सेना इसे स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रही है. रुद्रप्रयाग में मराठा रेजीमेंट की ओर से भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई.

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मशाल यात्रा न्यूज
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Published : Jan 27, 2021, 5:51 PM IST

रुद्रप्रयाग: भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को रुद्रप्रयाग में मराठा रेजीमेंट की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान शहीदों की याद में निकाली गई मशाल यात्रा का रुद्रप्रयाग पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. 1971 युद्ध के सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों के परिजनों को मराठा रेजीमेंट की ओर से सम्मानित किया गया. सम्मान पाकर सैनिकों में काफी उत्साह दिखा.

रुद्रप्रयाग पहुंची आर्मी की मशाल यात्रा.

दरअसल, साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को 50 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में इस वर्ष को स्वर्णिम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. देश में आर्मी की ओर से चार मशाल यात्राएं निकाली गई हैं. जोशीमठ के बाद रुद्रप्रयाग पहुंची यात्रा का रुद्रप्रयाग में तैनात मराठा रेजीमेंट ने भव्य स्वागत किया और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. साल 1971 के युद्ध में रुद्रप्रयाग जनपद के आठ जवानों ने भाग लिया था. सभी जवानों और शहीदों की वीर नारियों को आर्मी की ओर से सम्मानित किया गया.

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रुद्रप्रयाग के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

गढ़वाल रायफल के सूबेदार दलीप सिंह ने बताया कि 1971 युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्णिम मशाल यात्रा निकाली गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के चार हिस्सों में मशाल यात्रा को रवाना किया था. उत्तर भारत की मशाल यात्रा बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंची और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में शहीद सिपाही दरबान सिंह की पत्नी कांता देवी एवं भूतपूर्व सैनिक दयाल सिंह के अलावा हरि सिंह, शिशुपाल सिंह, दलबीर सिंह, कुंवर सिंह, ध्यान सिंह, बदलीर सिंह को सम्मानित किया गया.

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आर्मी की ओर से वीरनारियों को दिया गया सम्मान.

बता दें, वर्ष 1971 के युद्ध में 7 गढ़वाल राइफल के दयाल सिंह ने अपने दोनों हाथ गंवा दिये थे. इसके साथ ही उनकी एक आंख भी खराब हो गई. युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आर्मी की ओर से दिये गये सम्मान से दयाल सिंह काफी खुश नजर आए. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि युद्ध विजय की स्वर्ण पर उन्हें याद किया गया. कार्यक्रम में वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लेने वाले देवेश सिंह व सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले संजय सिंह को स्कूटी भेंट की गयी. दोनों ही सिपाही दिव्यांग हैं और कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सके. ऐसे में उनके परिजनों को स्कूटी दी गई.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र का बड़ा बयान- किसान आंदोलन में मिले पाकिस्तानी हाथ के सुबूत

कार्यक्रम में मराठा रेजीमेंट की ओर से पूर्व में आयोजित निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताओं में शामिल हुए छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया. इसमें राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग, राबाइंका रुद्रप्रयाग, सरस्वती विद्या मंदिर बेलणी एवं अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के छात्रों को उप कमांडिंग ऑफिसर आर शिवा रामा कृष्णन एवं सैनिक कल्याण अधिकारी आरएल थापा ने सम्मानित किया.

रुद्रप्रयाग: भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को रुद्रप्रयाग में मराठा रेजीमेंट की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान शहीदों की याद में निकाली गई मशाल यात्रा का रुद्रप्रयाग पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. 1971 युद्ध के सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों के परिजनों को मराठा रेजीमेंट की ओर से सम्मानित किया गया. सम्मान पाकर सैनिकों में काफी उत्साह दिखा.

रुद्रप्रयाग पहुंची आर्मी की मशाल यात्रा.

दरअसल, साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को 50 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में इस वर्ष को स्वर्णिम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. देश में आर्मी की ओर से चार मशाल यात्राएं निकाली गई हैं. जोशीमठ के बाद रुद्रप्रयाग पहुंची यात्रा का रुद्रप्रयाग में तैनात मराठा रेजीमेंट ने भव्य स्वागत किया और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. साल 1971 के युद्ध में रुद्रप्रयाग जनपद के आठ जवानों ने भाग लिया था. सभी जवानों और शहीदों की वीर नारियों को आर्मी की ओर से सम्मानित किया गया.

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रुद्रप्रयाग के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

गढ़वाल रायफल के सूबेदार दलीप सिंह ने बताया कि 1971 युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्णिम मशाल यात्रा निकाली गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के चार हिस्सों में मशाल यात्रा को रवाना किया था. उत्तर भारत की मशाल यात्रा बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंची और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में शहीद सिपाही दरबान सिंह की पत्नी कांता देवी एवं भूतपूर्व सैनिक दयाल सिंह के अलावा हरि सिंह, शिशुपाल सिंह, दलबीर सिंह, कुंवर सिंह, ध्यान सिंह, बदलीर सिंह को सम्मानित किया गया.

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आर्मी की ओर से वीरनारियों को दिया गया सम्मान.

बता दें, वर्ष 1971 के युद्ध में 7 गढ़वाल राइफल के दयाल सिंह ने अपने दोनों हाथ गंवा दिये थे. इसके साथ ही उनकी एक आंख भी खराब हो गई. युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आर्मी की ओर से दिये गये सम्मान से दयाल सिंह काफी खुश नजर आए. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि युद्ध विजय की स्वर्ण पर उन्हें याद किया गया. कार्यक्रम में वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लेने वाले देवेश सिंह व सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले संजय सिंह को स्कूटी भेंट की गयी. दोनों ही सिपाही दिव्यांग हैं और कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सके. ऐसे में उनके परिजनों को स्कूटी दी गई.

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कार्यक्रम में मराठा रेजीमेंट की ओर से पूर्व में आयोजित निबंध एवं भाषण प्रतियोगिताओं में शामिल हुए छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया. इसमें राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग, राबाइंका रुद्रप्रयाग, सरस्वती विद्या मंदिर बेलणी एवं अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के छात्रों को उप कमांडिंग ऑफिसर आर शिवा रामा कृष्णन एवं सैनिक कल्याण अधिकारी आरएल थापा ने सम्मानित किया.

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