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विडंबनाः पढ़ने के लिए छात्रों को करना पड़ रहा है आंदोलन और मिल रहा सिर्फ आश्वासन - छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर चौथे दिन भी धरना जारी रखा. जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन.
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Published : Jul 15, 2019, 5:49 PM IST

रुद्रप्रयाग: राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर चौथे दिन भी धरना जारी रखा. जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि स्थापना के बाद से ही कॉलेज कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. बावजूद महाविद्यालय प्रबंधन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस दौरान छात्रों ने चेतावानी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन.

बता दें कि महाविद्यालय की कक्षाएं आईटीआई के छात्रावास में संचालित की जा रही थी, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं होने से कॉलेज को बालिका इंटर कॉलेज के पुराने भवन में शिफ्ट किया गया. आईटीआई छात्रावास में कॉलेज के संचालन के दौरान बीबीए और बीसीए की कक्षाएं संचालित हो रही थी. जबकि बीए और एमए के लिए छात्रों को श्रीनगर या देहरादून जाना पड़ रहा था.

पढ़ें: वनकर्मी हत्याकांड: मुख्य आरोपी लखविंदर गिरफ्तार, हथियार भी बरामद

छात्रों ने बीए की कक्षाओं के संचालन को लेकर आंदोलन किया, जिसके बाद राबाइंका के पुराने भवन में जगह मिलने के बाद कक्षाओं का संचालन शुरू हुआ. बीए की कक्षाएं शुरू होने के बाद महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया और आज स्थिति यह है कि कॉलेज में एडमिशन मिलना भी मुश्किल हो रहा है. लेकिन समस्या इस बात की है कि आज भी महाविद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. जिसको लेकर छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए धरना प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी से अपनी समस्या के निराकरण की मांग की.

वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण जल्द किया जाएगा. शासन स्तर की मांगों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास किया जा रहे है.

धरने पर बैठे छात्रों की मांगे-

  • महाविद्यालय में एमए व बीएससी कक्षाओं का संचालन.
  • महाविद्यालय में शौचालय निर्माण.
  • बीए में संस्कृत व भूगोल की स्वीकृति.
  • सफाई कर्मचारी की नियुक्ति.
  • महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए जिला पंचायत की भूमि को महाविद्यालय के नाम करने की मांग की.
  • महाविद्यालय के दो कर्मचारी देहरादून में कार्यरत है, जिनकी नियुक्ति शीघ्र रुद्रप्रयाग महाविद्यालय में की जाए.

रुद्रप्रयाग: राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर चौथे दिन भी धरना जारी रखा. जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि स्थापना के बाद से ही कॉलेज कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. बावजूद महाविद्यालय प्रबंधन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस दौरान छात्रों ने चेतावानी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन.

बता दें कि महाविद्यालय की कक्षाएं आईटीआई के छात्रावास में संचालित की जा रही थी, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं होने से कॉलेज को बालिका इंटर कॉलेज के पुराने भवन में शिफ्ट किया गया. आईटीआई छात्रावास में कॉलेज के संचालन के दौरान बीबीए और बीसीए की कक्षाएं संचालित हो रही थी. जबकि बीए और एमए के लिए छात्रों को श्रीनगर या देहरादून जाना पड़ रहा था.

पढ़ें: वनकर्मी हत्याकांड: मुख्य आरोपी लखविंदर गिरफ्तार, हथियार भी बरामद

छात्रों ने बीए की कक्षाओं के संचालन को लेकर आंदोलन किया, जिसके बाद राबाइंका के पुराने भवन में जगह मिलने के बाद कक्षाओं का संचालन शुरू हुआ. बीए की कक्षाएं शुरू होने के बाद महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया और आज स्थिति यह है कि कॉलेज में एडमिशन मिलना भी मुश्किल हो रहा है. लेकिन समस्या इस बात की है कि आज भी महाविद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. जिसको लेकर छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए धरना प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी से अपनी समस्या के निराकरण की मांग की.

वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण जल्द किया जाएगा. शासन स्तर की मांगों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास किया जा रहे है.

धरने पर बैठे छात्रों की मांगे-

  • महाविद्यालय में एमए व बीएससी कक्षाओं का संचालन.
  • महाविद्यालय में शौचालय निर्माण.
  • बीए में संस्कृत व भूगोल की स्वीकृति.
  • सफाई कर्मचारी की नियुक्ति.
  • महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए जिला पंचायत की भूमि को महाविद्यालय के नाम करने की मांग की.
  • महाविद्यालय के दो कर्मचारी देहरादून में कार्यरत है, जिनकी नियुक्ति शीघ्र रुद्रप्रयाग महाविद्यालय में की जाए.
Intro:
me
R
rohit dimri
to me
1 minute agoDetails
छात्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ लगाये नारे, मुख्यालय में किया जोरदार प्रदर्शन
छः सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित है छात्र
रुद्रप्रयाग महाविद्यालय का ना है अपना भवन, ना महाविद्यालय में शिक्षक
राजकीय बालिका इंटर काॅलेज के पुराने भवन में संचालित हो रहा महाविद्यालय
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - स्टूडेंट प्रदर्शन
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/15 जुलाई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - छः सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और शासन-प्रशासन के खिलाफ जारेदार नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि स्थापनाकाल से ही महाविद्यालय समस्याओं से जूझ रहा है, बावजूद इसके महाविद्यालय की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब सरकार को नींद से जगाने के लिए छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया है और जब तक मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगी। वहीं दूसरी ओर मागों को लेकर छात्रों का चल रहा धरना चैथे दिन भी जारी रहा। Body:
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1 minute agoDetails
छात्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ लगाये नारे, मुख्यालय में किया जोरदार प्रदर्शन
छः सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित है छात्र
रुद्रप्रयाग महाविद्यालय का ना है अपना भवन, ना महाविद्यालय में शिक्षक
राजकीय बालिका इंटर काॅलेज के पुराने भवन में संचालित हो रहा महाविद्यालय
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - स्टूडेंट प्रदर्शन
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/15 जुलाई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - छः सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और शासन-प्रशासन के खिलाफ जारेदार नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि स्थापनाकाल से ही महाविद्यालय समस्याओं से जूझ रहा है, बावजूद इसके महाविद्यालय की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब सरकार को नींद से जगाने के लिए छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया है और जब तक मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगी। वहीं दूसरी ओर मागों को लेकर छात्रों का चल रहा धरना चैथे दिन भी जारी रहा।
दरअसल, रुद्रप्रयाग महाविद्यालय रुद्रप्रयाग अपने स्थापनाकाल से कई समस्याओं से जूझ रहा है। पहले तो महाविद्यालय की कक्षाएं आईटीआई के छात्रावास में संचालित की गई, लेकिन पर्याप्त जगह न होने के कारण बाद में काॅलेज को बालिका इंटर काॅलेज के पुराने भवन में शिफ्ट किया गया। आईटीआई छात्रावास में काॅलेज के सचंालन के दौरान बीबीए एवं बीसीए की कक्षाएं संचालित हो रही थी और छात्रों को बीए तथा एमए के लिए श्रीनगर या फिर देहरादून जाना पड़ रहा था। छात्रों ने बीए की कक्षाओं के संचालन को लेकर आंदोलन किया, जिसके बाद राबाइंका के पुराने भवन में जगह मिलने के साथ ही बीए की कक्षाओं का भी संचालन शुरू हुआ। बीए की कक्षाएं शुरू होने के बाद महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया और आज स्थिति यह है कि काॅलेज में प्रवेश मिलना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन समस्या इस बात की है कि आज भी महाविद्यालय का अपना भवन नहीं है। ऐसे में छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए धरना शुरू कर दिया है। धरने के चैथे दिन छात्रों ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन कर सरकार, शासन व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुराने विकास भवन में आयोजित जनता दरबार में जाकर अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग जिलाधिकारी से की।
बाइट - राकेश मोहन, छात्र नेता
बाइट - रश्मि, छात्रा Conclusion:वीओ -2- धरने पर बैठे छात्रों की छः सूत्रीय मांगें हैं, जिनमें महाविद्यालय में एमए व बीएससी कक्षाओं का संचालन, महाविद्यालय में शौचालय निर्माण, बीए में संस्कृत व भूगोल की स्वीकृति, सफाई कर्मचारी की नियुिक्त करने, महाविद्यालय की मूलभूत समस्याओं पर कार्रवाही करने, महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए जिला पंचायत की भूमि को महाविद्यालय के नाम करने की मांग की। इसके अलावा महाविद्यालय के दो कर्मचारी देहरादून में कार्यरत है, जिनकी नियुक्ति शीघ्र रुद्रप्रयाग महाविद्यालय में करने की मांग छात्रों ने की है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर काई विचार नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन तेज करेंगे।
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण जल्द किया जायेगा। शासन स्तर की मांगों पर कार्यवाही के लिए पत्र भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को हल करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी
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