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मंदाकिनी शरदोत्सव: स्कूली बच्चों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, दर्शकों ने खूब की सराहना

मन्दाकिनी शरदोत्सव के दूसरे दिन विद्यालयों की जूनियर स्तर की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में  विभिन्न विद्यालयों की दस से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया. प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के सभी विद्यार्थीयों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रस्तुतियां दी. वहीं, भारी बारिश के बावजूद भी बच्चों और दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला.

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Published : Nov 7, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 10:22 PM IST

मंदाकिनी शरदोत्सव: स्कूली बच्चों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, दर्शकों ने खूब की सराहना

रुद्रप्रयाग: मन्दाकिनी शरदोत्सव के दूसरे दिन विद्यालयों की जूनियर स्तर की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों की दस से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया. प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के सभी विद्यार्थीयों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रस्तुतियां दी. वहीं, भारी बारिश के बावजूद भी बच्चों और दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला.

पढ़ें: गंगोत्री धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, सफेद चादर से ढकी चोटियां

बता दें कि सांस्कृतिक प्रतियोगिता में जूनियर हाईस्कूल बसुकेदार प्रथम, जूनियर हाईस्कूल गिंवाला द्वितीय और केन्द्रीय विद्यालय तृतीय स्थान पर रहा. जिन्हें मेला समिति ने नकद पुरस्कार देकर विजेताओं का उत्साह वर्धन किया. वहीं, इस प्रतियोगिता में सुधीर बत्र्वाल, ओमप्रकाश चमोला और कुसुम भट्ट ने निर्णायक की भूमिका निभाई.

वहीं, बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि लोक संस्कृति और लोक साहित्य हमारी धरोहर है. ये मेले इन धरोहरों को संरक्षित एवं संवर्द्धन करने में सहायक सिद्ध होते हैं. इन मेलों में हमें उत्तराखंड की अलग-अलग संस्कृति की झलक मिलती है. साथ ही सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याण योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार होता है.

उपाध्यक्ष खत्री ने संस्थापक सदस्यों को याद करते हुए कहा कि उनकी क्षेत्रीय विकास की परिकल्पना आज साकार होती नजर आ रही है. मेले के महासचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने मेले को मिलने वाली सरकारी सहायता को नाकाफी बताते हुए कहा कि इससे मेला समिति को मेला आयोजन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बीकेटीसी के उपाध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा कि मेले को मिलने वाली सहायता में बढ़ोत्तरी करवाने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह करें.

रुद्रप्रयाग: मन्दाकिनी शरदोत्सव के दूसरे दिन विद्यालयों की जूनियर स्तर की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों की दस से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया. प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के सभी विद्यार्थीयों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रस्तुतियां दी. वहीं, भारी बारिश के बावजूद भी बच्चों और दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला.

पढ़ें: गंगोत्री धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, सफेद चादर से ढकी चोटियां

बता दें कि सांस्कृतिक प्रतियोगिता में जूनियर हाईस्कूल बसुकेदार प्रथम, जूनियर हाईस्कूल गिंवाला द्वितीय और केन्द्रीय विद्यालय तृतीय स्थान पर रहा. जिन्हें मेला समिति ने नकद पुरस्कार देकर विजेताओं का उत्साह वर्धन किया. वहीं, इस प्रतियोगिता में सुधीर बत्र्वाल, ओमप्रकाश चमोला और कुसुम भट्ट ने निर्णायक की भूमिका निभाई.

वहीं, बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि लोक संस्कृति और लोक साहित्य हमारी धरोहर है. ये मेले इन धरोहरों को संरक्षित एवं संवर्द्धन करने में सहायक सिद्ध होते हैं. इन मेलों में हमें उत्तराखंड की अलग-अलग संस्कृति की झलक मिलती है. साथ ही सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याण योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार होता है.

उपाध्यक्ष खत्री ने संस्थापक सदस्यों को याद करते हुए कहा कि उनकी क्षेत्रीय विकास की परिकल्पना आज साकार होती नजर आ रही है. मेले के महासचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने मेले को मिलने वाली सरकारी सहायता को नाकाफी बताते हुए कहा कि इससे मेला समिति को मेला आयोजन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बीकेटीसी के उपाध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा कि मेले को मिलने वाली सहायता में बढ़ोत्तरी करवाने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह करें.

Intro:भारी बारिश के बाद भी बच्चों का उत्साह नहीं हुआ कम
मंदाकिनी मेले के दूसरे दिन दस स्कूलों की टीमों ने किया प्रतिभाग
लोक संस्कृति और लोक साहित्य हमारी धरोहर: खत्री
रुद्रप्रयाग। मन्दाकिनी शरदोत्सव के दूसरे दिन विद्यालयों की जूनियर स्तर की सांस्कृतिक प्रतियोगिता हुई, जिसमें विभिन्न विद्यालयों की दस से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के नन्हें मुन्ने बच्चों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रस्तुतियां दी। भारी बारिश के बावजूद न तो बच्चों का उत्साह कम हुआ और न ही दर्शकों का। दर्शकों ने पूरे समय तक बच्चों का उत्साहवर्द्धन किया। प्रतियोगिता में जूनियर हाईस्कूल बसुकेदार प्रथम, जूनियर हाईस्कूल गिंवाला द्वितीय, केन्द्रीय विद्यालय तृतीय, गुरूकुल नेशनल स्कूल चतुर्थ एवं चिल्ड्रन एकेडमी पंचम स्थान पर रहे। जिन्हें मेला समिति ने क्रमशः पांच हजार, चार हजार, तीन हजार, दो हजार एवं एक हजार रूपये नगद पुरस्कार दिया गया। प्रतियोगिता में सुधीर बत्र्वाल, ओमप्रकाश चमोला एवं कुसुम भट्ट ने निर्णायक की भूमिका निभाई, जबकि गिरीश बेंजवाल एवं गंगाराम सकलानी ने संचालन किया। Body:इससे पूर्व कार्यक्रमों का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि बद्री-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति एवं लोक साहित्य हमारी धरोहर है और ये मेले इन धरोहरों को संरक्षित एवं संवर्द्धन करने में सहायक सिद्ध होते हैं। इन मेलों में हमें उत्तराखण्ड की अलग अलग संस्कृति की झलक मिलती है। साथ ही सरकारों द्वारा चलाई गई जनकल्याण की योजनाओं का प्रचार प्रसार भी होता है। उन्होंने मेले के संस्थापक सदस्यों को याद करते हुए कहा कि उनकी क्षेत्रीय विकास की परिकल्पना आज साकार होती नजर आ रही है। मेले के महासचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने मेले को मिलने वाली सरकारी सहायता को नाकाफी बताते हुए कहा कि इससे मेला समिति को मेला आयोजन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बीकेडीसी के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि मेले को मिलने वाली सहायता में बढ़ोतरी करवाने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह करें।
बाइट -1- अशोक खत्री, राज्य मंत्री
बाइट -2- अशोक खत्री, राज्य मंत्री
Conclusion:
Last Updated : Nov 7, 2019, 10:22 PM IST
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