रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय से सटे राजस्व गांव तरवाड़ी भी अब जल्द ही मोटरमार्ग से जुड़ेगा. पूर्व में स्वीकृत कालापहाड़-भ्यट-ख्वीड़ा मोटरमार्ग के लिए वन पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, लोनिवि नए वित्तीय सत्र में राज्य योजना में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा.
विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत दरमोला के राजस्व ग्राम भ्यट, कालापहाड़ थापला और खीड़ा गांव भले ही जिला मुख्यालय से सटे हो, लेकिन आज भी यहां ग्रामीण खड़ी चढ़ाई तय कर अपने घर पहुंचना पड़ता है. सड़क निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने लगातार विभिन्न मंचों पर मोटरमार्ग निर्माण की मांग उठाई, जिसमें उन्हें सफलता हाथ लगी है.
![जल्द मोटरमार्ग से जुड़ेगा तरवाड़ी विलेज](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-rud-01-tarwadi-village-dry-uk10030_04032021140558_0403f_1614846958_643.jpg)
मोटरमार्ग के लिए पिछले एक दशक से चल रहे संघर्ष के बाद वर्ष 2012-13 में दो किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली, लेकिन वन भूमि का पेंच फंसने से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी. सड़क निर्माण को लेकर पहले विवाद था, लेकिन आपसी समझौता कर ग्रामीणों ने एक राय बनाकर इस पर सहमति दी थी. दो वर्ष पूर्व लोनिवि ने मोटरमार्ग निर्माण पड़ रही वन भूमि की बाधा को हटाने के लिए शासन को वन भूमि हस्तान्तरण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था.
![जल्द मोटरमार्ग से जुड़ेगा तरवाड़ी विलेज](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-rud-01-tarwadi-village-dry-uk10030_04032021140558_0403f_1614846958_905.jpg)
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पिछले दिनों लंबे इंतजार के बाद वन पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वन भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है, जिसके बाद अब लोनिवि मार्ग निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति की कार्रवाई शुरू करेगा और राज्य योजना में इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा.
ग्रामीण रघुवीर सिंह रावत कहते हैं कि सड़क निर्माण न होने से गांव की गर्भवती महिलाओं व बीमार बुजर्ग लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता था. साथ ही लोगों को आज भी रोजमर्रा के साथ भारी सामान घर तक पहुंचाने में काफी दिक्कतें उठानी पड़ती है.
लोनिवि खंड रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि भरदार क्षेत्र के अंतर्गत कालापहाड़-भ्यट-ख्वीड़ा दो किमी मोटरमार्ग के लिए वन भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है, जिसके बाद अब विभाग की ओर से वित्तीय स्वीकृति के लिए ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगा. बजट की स्वीकृति मिलने के बाद मोटरमार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.