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कल बंद होंगे द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट - द्वितीय केदार मद्महेश्वर न्यूज

भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट गुरूवार को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार सुबह 7.30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे..

Second Kedar Madmaheshwar
मद्महेश्वर मंदिर
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Published : Nov 18, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 6:42 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट गुरूवार को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार सुबह 7.30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी. जो विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. इसके बाद 22 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी.

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इस बारे में देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि गुरूवार को भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम से रवाना होकर मैखम्भा, कूनचटटी, नानौ, खटरा और बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. इसके बाद 20 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से प्रस्थान कर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी.

उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रासी से प्रस्थान कर उनियाणा, राऊलैक, बुरुवा और मनसूना यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. इसके बाद 22 नवंबर को गिरीया गांव से प्रस्थान कर फापज, सलामी, मंगोलचारी, ब्राह्मणखोली और डंगवाडी होते हुए अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी.

Last Updated : Nov 18, 2020, 6:42 PM IST

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