रुद्रप्रयाग: प्रदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर गोविंद सिंह रजवार स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के प्राचार्य पद से सेवानिवृत हो गए हैं. उन्होंने 43 साल तक शोध, शिक्षण और प्रशासनिक सेवाएं दी हैं. 30 नवंबर को महाविद्यालय परिवार ने उन्हें भाव भीनी विदाई दी. इस दौरान रजवार ने अपने जीवन से जुड़ी तमाम बातें कार्यक्रम में मौजूद लोगों के साथ साझा की.
बता दें कि, प्रोफेसर गोविंद सिंह रजवार ने 1977 में कोटद्वार महाविद्यालय से अपनी राजकीय सेवा का सफर शुरू किया था. इस दौरान वह उत्तरकाशी और ऋषिकेश महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के शिक्षक रहे. जिसके बाद जोशीमठ महाविद्यालय में प्राचार्य पद पर अपनी कार्यकुशलता की बदौलत तीन सालों तक उपनिदेशक उच्चशिक्षा का कार्यभार संभाला. फिर स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरेंद्रनगर में प्राचार्य की जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने अपने इस 43 सालों की सेवा अवधि में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त किया.
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गोविंद सिंह रजवार की प्रकाशित 8 पुस्तकें और 115 शोधपत्र दुनियाभर के विवि में पढ़ाए जाते हैं. इनका जन्म 20 नवंबर 1954 में अल्मोड़ा जिले के कैलानी गांव में हुआ था. प्रो. रजवार इटली, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, कीनिया, चीन और नेपाल जैसे देशों में शोध संबंधी यात्राएं कर चुके हैं.