रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी/गदरपुर/चंपावत/गोपेश्वर: भले अभी केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो, लेकिन कपाट बंद होने के बावजूद भी धाम में शिवरात्रि पर्व मनाया गया. केदानाथ धाम में रह रहे साधु-संतों ने केदारनाथ मंदिर परिसर में सात फीट ऊंची बर्फ का विशाल शिवलिंग बनाकर अनेक प्रकार के तिलकों से लिंग को सजाया, जिसके बाद साधु-संतों ने शिवलिंग की आरती उतारक पूजा-अर्चना की. दरअसल, शीतकाल में केदारनाथ के कपाट बंद होते हैं. वहीं, आज केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि निकाली गई. 17 मई को केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की गई है. पहली बार धाम में शिवरात्रि का पर्व इस तरह से मनाया गया. इसके अलावा प्रदेश के कई जनपदों में शिवरात्रि पर भक्तों ने शिवालयों में पूजा अर्चना की.
ओंकारेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया गया
रुद्रप्रयाग में देवस्थानम् बोर्ड ने महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया. देवस्थानम् बोर्ड ने आगामी यात्रा सीजन के लिए विभिन्न धामों में प्रधान पुजारियों की तैनाती कर दी है. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विभिन्न समाजसेवियों द्वारा आज विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया. आगामी यात्रा सीजन में बागेश लिंग के पुजारी को केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी को जिम्मा दिया गया है. जबकि मदमहेश्वर धाम में शिवलिंग, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में शशिधर लिंग, ओंकारेश्वर मंदिर में शिव शंकर लिंग को तैनात किया गया है. वहीं, टी गंगाधर लिंग को अतिरिक्त की जिम्मेदारी दी गयी है.
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गदरपुर में प्राचीन शिवलिंग का जलाभिषेक
गदरपुर के रामबाग स्थित 350 साल पुराने प्राचीन काल के शिवलिंग का भक्तों ने जलाभिषेक किया. शिवरात्रि को लेकर भक्तों की पूजा अर्चना कल दोपहर तक चलेगा. इस मौके पर पांच दिवसीय मेले का आयोजन भी किया गया है. कोविड 19 के नियमों के अनुसार इस बार केवल 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति और 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ही इस मंदिर में पूजा अर्चना कर सकते है.
चंपावत में श्रद्धालुओं ने की शिवलिंग की पूजा
महाशिवरात्रि पर्व चंपावत जिले में हर्षोल्लास से मनाया गया. इस अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने विभिन्न संगम तट पर स्नान किया और मंदिर में पूजा अर्चना की. जिले के बालेश्वर, रिषेश्वर, कान्तेश्वर, सप्तेश्वर, मॉनेश्वर, रामेश्वर, पंचेश्वर ,रुद्रमहादेव, गुरु गोरखनाथ, ब्यानधुरा, सिद्ध नरसिंह मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का जलाभिषेक कर दूध, भांग, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाया. वहीं, जिलाधिकारी विनीत तोमर ने भी आज सपरिवार बालेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए.
उत्तरकाशी में निकली शिव बारात
गंगा के मायके और बाबा काशी विश्वनाथ की उत्तरकाशी में सुबह से ही शिवरात्रि की धूम देखने को मिली. भोले की नगरी और जनपद के हर गांव जय भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा. सुबह तीन बजे से ही जनपद मुख्यालय के बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर सहित विमलेश्वर मंदिर सहित शिखलेश्वर महादेव, वरुणावेश्वर आदि मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा. शिवरात्रि के पावन पर्व पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव बारात का आयोजन किया गया. जिसमें जनपद सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए. शिव बारात में लंकापति रावण सहित राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भूत प्रेतों की झांकियां आकर्षण का केंद्र रही.
गोपीनाथ मंदिर में भी उमड़े श्रद्धालु
गोपेश्वर नगर स्थित भगवान गोपीनाथ के मंदिर में सुबह 4 बजे से से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन जलाभिषेक के लिए लगी रही. लोग लाइन में घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे. वहीं, घाट विकासखण्ड के सिद्धपीठ बैराशकुण्ड मंदिर में भी करीब 5 हजार से अधिक श्रद्धालु ने भगवान शिव के दर्शनों और जलाभिषेक के लिए पहुंचे. जोशीमठ में शंकराचार्य गुफा के शीर्ष भाग स्थित ज्योतेश्वर महादेव मंदिर सहित नीती घाटी के भलगांव स्थित बिन्द्रेश्वर महादेव में भी श्रद्धालुओं की अच्छी खासी तादाद रही.