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केदारनाथ धाम में अभी भी जमी हुई है 15 फीट से ज्यादा बर्फ, कैसे होगी यात्रा? - केदारनाथ में बर्फबारी

केदारनाथ धाम में बीते तीन हफ्तों से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी वहां कई फीट तक बर्फ जमी है, जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. kedarnath dham, rudraprayag dm Mangesh Ghildiyal, Char Dham tour, Snowfall in Kedarnath, rudraprayag news, केदारनाथ धाम, रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल, चारधाम यात्रा, केदारनाथ में बर्फबारी, रुप्रप्रयाग न्यूज

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Published : Apr 25, 2019, 8:28 PM IST

रुद्रप्रयाग: चार धाम यात्रा का सफल संचालन करना इस बार पुलिस और प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि चारों धाम में अभी भी काफी बर्फ पड़ी हुई है. सबसे बड़ी चुनौती केदारनाथ धाम में है. यहां इस बार हुई बर्फबारी में बदरी-केदार मंदिर समिति की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर हाल ही हुई बर्फबारी की वजह से टीन के बने हटस, दुकान, चिकित्सालय, विद्युत और पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है.

पढ़ें- चैंपियन Vs कर्णवाल: जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी, अजय भट्ट बोले- होगी सख्त कार्रवाई

भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने में 15 दिन का समय रह गया है. बदरीनाथ धाम में भी बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है. केदारनाथ धाम में बीते तीन हफ्तों से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी वहां कई फीट तक बर्फ जमी है, जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन परिस्थितियों में केदारनाथ धाम की शुरुआती यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी केदारनाथ धाम का दौरा करके गुरुवार को वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण धाम में काफी नुकसान हुआ है. 6 मई तक केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के प्रयास किये जाएंगे.

9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे

9 मई को खुलेंगे कपाट

बता दें कि 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. हाल ही में बदरी-केदार मंदिर समिति की एक टीम धाम का निरीक्षण करने गई थी. इस दौरान उन्होंने देखा था कि 19 किमी लंबा गौरीकुंड पैदल मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुआ है. रामबाड़ा और केदारनाथ धाम में अभी भी 15 से 20 फीट तक बर्फ जमी हुई है. जिसका 15 दिन में पिघलना संभव नहीं है. ऐसे में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को जान जोखिम में डालकर ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा. पैदल मार्ग के किनारे सुरक्षा के लिये लगाई गई रेलिंग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग पर बनाई गई अधिकांश दुकानें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि कुछ दुकानों में भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है.

पढ़ें- गाडू घड़ी के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, 9 मई को बदरीधाम पहुंचेगी यात्रा

केदारनाथ में यात्रियों के रहने के लिये टेंट कॉलोनी की सुविधा दी जाती थी, लेकिन इस बार बर्फ इतनी है कि स्थानीय लोग टेंट भी नहीं लगा पाएंगे. हालांकि प्रशासन ने टेंट लगाने की अनुमति दे दी है. केदारनाथ का दौरा करने के बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी माना है कि बर्फबारी के कारण काफी नुकसान हुआ है. यात्रा के शुरुआती चरण में प्रशासन के सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. हालांकि डीएम दावा कर रहे हैं कि मई प्रथम सप्ताह तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो जाएंगी.

रुद्रप्रयाग: चार धाम यात्रा का सफल संचालन करना इस बार पुलिस और प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि चारों धाम में अभी भी काफी बर्फ पड़ी हुई है. सबसे बड़ी चुनौती केदारनाथ धाम में है. यहां इस बार हुई बर्फबारी में बदरी-केदार मंदिर समिति की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर हाल ही हुई बर्फबारी की वजह से टीन के बने हटस, दुकान, चिकित्सालय, विद्युत और पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है.

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भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने में 15 दिन का समय रह गया है. बदरीनाथ धाम में भी बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है. केदारनाथ धाम में बीते तीन हफ्तों से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी वहां कई फीट तक बर्फ जमी है, जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन परिस्थितियों में केदारनाथ धाम की शुरुआती यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी केदारनाथ धाम का दौरा करके गुरुवार को वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण धाम में काफी नुकसान हुआ है. 6 मई तक केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के प्रयास किये जाएंगे.

9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे

9 मई को खुलेंगे कपाट

बता दें कि 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. हाल ही में बदरी-केदार मंदिर समिति की एक टीम धाम का निरीक्षण करने गई थी. इस दौरान उन्होंने देखा था कि 19 किमी लंबा गौरीकुंड पैदल मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुआ है. रामबाड़ा और केदारनाथ धाम में अभी भी 15 से 20 फीट तक बर्फ जमी हुई है. जिसका 15 दिन में पिघलना संभव नहीं है. ऐसे में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को जान जोखिम में डालकर ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा. पैदल मार्ग के किनारे सुरक्षा के लिये लगाई गई रेलिंग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग पर बनाई गई अधिकांश दुकानें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि कुछ दुकानों में भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है.

पढ़ें- गाडू घड़ी के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, 9 मई को बदरीधाम पहुंचेगी यात्रा

केदारनाथ में यात्रियों के रहने के लिये टेंट कॉलोनी की सुविधा दी जाती थी, लेकिन इस बार बर्फ इतनी है कि स्थानीय लोग टेंट भी नहीं लगा पाएंगे. हालांकि प्रशासन ने टेंट लगाने की अनुमति दे दी है. केदारनाथ का दौरा करने के बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी माना है कि बर्फबारी के कारण काफी नुकसान हुआ है. यात्रा के शुरुआती चरण में प्रशासन के सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. हालांकि डीएम दावा कर रहे हैं कि मई प्रथम सप्ताह तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो जाएंगी.

केदाररनाथ धाम यात्रा 2019
कपाट खुलने में बचे हैं मात्र 15 दिन
बर्फबारी के बाद प्रशासन के सामने टूटा चुनौतियां का पहाड़
15 दिन के भीतर जुटानी होंगी केदारनाथ में सभी प्रकार की व्यवथाएं
केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही यात्रियों के रहने के लिये बनाये गये हटस क्षतिग्रस्त
गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर 10 से 20 फीट के बीच बने ग्लेशियर
ग्लेशियरों के बीच यात्रियों को जान जोखिम में डालकर करनी होगी बाबा केदार की यात्रा 
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - केदारनाथ जायजा
रिपोट - रोहित डिमरी/24 अप्रैल 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - केदारनाथ में बर्फबारी से भारी नुकसान हुआ है। केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही यात्रियों के रहने के लिये बनाये हटस, दुकानें, चिकित्सालय, विद्युत लाइनें और पेयजल लाइनों को भारी क्षति पहुंची है। केदारनाथ यात्रा का सफल संचालन करने को लेकर प्रशासन के सामने यात्रा शुरू होने से पहले ही अनेक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने में अब मात्र 15 दिन का समय शेष बचा हुआ है और इन 15 दिनों में केदारनाथ धाम में सभी व्यवस्थाओं का एक साथ जुट पाना संभव नहीं है। ऐसे में यात्रा के शुरूआती चरण में केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को अनेक परेशानियों से होकर गुजरना है। हालांकि केदारनाथ का दौरा करके आये जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि भारी बर्फबारी से काफी नुकसान हुआ है और 6 मई तक केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद करने के प्रयास किये जाएंगे। 
वीओ 1 - नौ मई से शुरू हो रही केदारनाथ धाम की यात्रा में बर्फबारी ने पहले ही अनेक बाधाएं पहुंचा दी हैं। बर्फबारी के कारण के कारण जहां 19 किमी गौरीकुंड-पैदल मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुआ है। वहीं यात्रियों के रहने के लिये बनाये गये हटस और घरों को भारी क्षति पहुंची है। रामबाड़ा से केदारनाथ धाम तक अभी भी 15 से 20 फीट तक बर्फ पड़ी हुई है। एक महीने तक बर्फ का पिघलना संभव नहीं है। ऐसे में केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों को जान को जोखिम में डालकर ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा। पैदल मार्ग के किनारे सुरक्षा के लिये लगाई गई रेलिंग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चर और यात्री एक साथ पैदल आवाजाही करेंगे। ऐसे में यात्रियों के चोटिल होने की संभावनाएं भी अधिक बढ़ गई हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थ यात्रियों को खाने की सुविधा के लिये भी कुछ हद तक तरसना पड़ेगा। प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग पर बनाई गई अधिकांश दुकानें पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जबकि कुछ दुकानों में भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है। 

वीओ 2 - केदारनाथ में यात्रियों के रहने के लिये टेंट कालौनी की सुविधा दी जाती थी, लेकिन इस बार बर्फ इतनी है कि स्थानीय लोग टेंट भी नहीं लगा पाएंगे। हालांकि प्रशासन ने टेंट लगाने की अनुमति दे दी है। वहीं केदारनाथ धाम सहित केदारनाथ पैदल मार्ग पर शौचालयों को भी भारी क्षति पहुंची है। जबकि, संचार, विद्युत और पेयजल की व्यवस्थाएं भी ठप पड़ी हुई हैं। बर्फ के बीच पेयजल और विद्युत लाइन का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। फिलहाल व्यवस्था के तौर पर सुविधाएं जुटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 

वीओ 3 - केदारनाथ का दौरा करने के बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी स्वीकार किया है कि बर्फबारी के कारण काफी नुकसान हुआ है। यात्रा के शुरूआती चरण में प्रशासन के सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। हालांकि डीएम यह भी दावा कर रहे हैं कि मई प्रथम सप्ताह तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो जाएंगी। 

बाइट 1 - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग

वीओ फाइनल - भले ही प्रशासन यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद करने के दावे कर रहा है, लेकिन जो जमीनी हकीकत है, उससे पता चलता है कि 15 दिन में व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं लौटने वाली हैं। ऐसे में जो भी यात्री केदारनाथ धाम आएंगे, उन्हें कई अव्यवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ेगा। खासकर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर यात्रियों को 10 से 15 फीट से ग्लेशियरों से जान जोखिम में डालकर गुजरना होगा। 

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