रुद्रप्रयाग: चार धाम यात्रा का सफल संचालन करना इस बार पुलिस और प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि चारों धाम में अभी भी काफी बर्फ पड़ी हुई है. सबसे बड़ी चुनौती केदारनाथ धाम में है. यहां इस बार हुई बर्फबारी में बदरी-केदार मंदिर समिति की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर हाल ही हुई बर्फबारी की वजह से टीन के बने हटस, दुकान, चिकित्सालय, विद्युत और पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है.
पढ़ें- चैंपियन Vs कर्णवाल: जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी, अजय भट्ट बोले- होगी सख्त कार्रवाई
भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने में 15 दिन का समय रह गया है. बदरीनाथ धाम में भी बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है. केदारनाथ धाम में बीते तीन हफ्तों से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी वहां कई फीट तक बर्फ जमी है, जो प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन परिस्थितियों में केदारनाथ धाम की शुरुआती यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी केदारनाथ धाम का दौरा करके गुरुवार को वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण धाम में काफी नुकसान हुआ है. 6 मई तक केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के प्रयास किये जाएंगे.
9 मई को खुलेंगे कपाट
बता दें कि 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. हाल ही में बदरी-केदार मंदिर समिति की एक टीम धाम का निरीक्षण करने गई थी. इस दौरान उन्होंने देखा था कि 19 किमी लंबा गौरीकुंड पैदल मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुआ है. रामबाड़ा और केदारनाथ धाम में अभी भी 15 से 20 फीट तक बर्फ जमी हुई है. जिसका 15 दिन में पिघलना संभव नहीं है. ऐसे में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को जान जोखिम में डालकर ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा. पैदल मार्ग के किनारे सुरक्षा के लिये लगाई गई रेलिंग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग पर बनाई गई अधिकांश दुकानें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि कुछ दुकानों में भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है.
पढ़ें- गाडू घड़ी के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, 9 मई को बदरीधाम पहुंचेगी यात्रा
केदारनाथ में यात्रियों के रहने के लिये टेंट कॉलोनी की सुविधा दी जाती थी, लेकिन इस बार बर्फ इतनी है कि स्थानीय लोग टेंट भी नहीं लगा पाएंगे. हालांकि प्रशासन ने टेंट लगाने की अनुमति दे दी है. केदारनाथ का दौरा करने के बाद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी माना है कि बर्फबारी के कारण काफी नुकसान हुआ है. यात्रा के शुरुआती चरण में प्रशासन के सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. हालांकि डीएम दावा कर रहे हैं कि मई प्रथम सप्ताह तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो जाएंगी.