रुद्रप्रयाग: डीएम मनुज गोयल ने जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति की बैठक की. बैठक में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की ओर से जनपद में की जा रही गतिविधियों पर डीएम ने संतोष व्यक्त किया.
बैठक में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के अधिकारियों ने जनपद में विभागीय स्तर पर की जा रही गतिविधियों व कार्यों का विवरण डीएम के सामने रखा, जिस पर जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान व आजीविका को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कृषि व उद्यान के तहत गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए.
बैठक में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने रिंगाल से बनाए जा रहे उत्पादों की बिक्री ऑनलाइन करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उत्पादों की फिनिशिंग की समुचित व्यवस्था करने को कहा, जिससे उत्पादक को अच्छी आय प्राप्त हो सके. साथ ही उन्होंने उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि स्थानीय स्तर पर खपत के अनुसार सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने को कहा.
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जिलाधिकारी ने आजीविका परियोजना निदेशक को विपणन में दक्ष मास्टर ट्रेनर के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करने के दिशा निर्देश दिए. एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के परियोजना प्रबंधक डॉ. केके मिश्रा ने बताया कि जनपद में आजीविका के तहत 206 ग्राम सभाओं में कुल 9 कलस्टर तैयार किए गए हैं, जिनमें समूह के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किए जा रहे हैं. केदारनाथ यात्राकाल के समय स्थानीय प्रसाद चैलाई के लड्डू की गुणवत्ता व उनकी उचित बिक्री के लिये देवस्थानम बोर्ड से संपर्क करने के भी निर्देश दिए गये हैं.
वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक की गई. डीएम ने जनपद के लिगेसी वेस्ट (एकत्रिक पुराने कूड़े के ढेर या मिट्टी की तरह दिखने वाले पुराने कचरे) के निस्तारण को लेकर अधिशासी अभियन्ता सिंचाई एवं अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को कार्ययोजना तैयार कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित लिगेसी वेस्ट के साथ ही यह भी आवश्यक है कि गदेरों में एकत्रित लिगेसी वेस्ट को भी हटाया जाय. इसके लिए अधिशासी अभियंता को सिंचाई कार्य योजना तैयार कर न्यूनतम मानव संसाधन से गदेरों से कूड़े को साफ करने को कहा गया है. पेयजल निगम श्रीनगर द्वारा जनपद में संचालित छः सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की शोधन प्रक्रिया से प्राप्त स्वच्छ जल व एवं शोधन से पूर्व दूषित जल की मात्रा की प्रत्येक माह की रिपोर्ट व प्लांट बाधित होने की स्थिति में सूचना तत्काल जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.