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रुद्रप्रयाग ठेकेदार संघ का आंदोलन, ई-टेंडरिंग का किया विरोध

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर रुद्रप्रयाग ठेकेदार संघ ने सिंचाई विभाग कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है. ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि अभियंता और जनप्रतिनिधियों अपने चहेतों को कार्य बांटने का काम कर रहे हैं.

रुद्रप्रयाग
ठेकेदारों का आंदोलन
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Published : Oct 12, 2020, 7:42 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 10:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: ठेकेदार संघ ने तीन सूत्रीय मांग को लेकर सिंचाई विभाग कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. इससे पहले लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समीप ठेकेदार धरने पर बैठे हुए थे. लोनिवि अधिशासी अभियंता के लिखित आश्वासन के बाद ठेकेदारों ने धरना समाप्त किया. अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने ई-टेंडरिंग खत्म करने, लंबित भुगतान और टेंडरों के प्रचार-प्रसार की मांग की है.

ठेकेदारों का कहना है कि जब तक सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दे देते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. बता दें कि ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग का सभी निर्माणदायी संस्थाओं के खिलाफ 5 अक्टूबर से धरना प्रदर्शन चल रहा है. पहले लोनिवि कार्यालय के बाहर ठेकेदारों का धरना चल रहा था, जो लिखित आश्वासन के बाद खत्म हो गया. अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं.

ठेकेदारों का आंदोलन.

ये भी पढ़ें: धीमी गति से हो रहा तहसील का निर्माण कार्य, राज्य मंत्री ने जताई नाराजगी

ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि निर्माणदायी संस्थाओं के अधिशासी अभियंता जनप्रतिनिधियों के दबाव में उनके चहेतों को कार्य बांटने में लगे हुए हैं. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है. सरकार अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर ब्याज पर कर्ज ले रही हैं और यहां अधिकारी-कर्मचारी सरकार को ही चूना लगा रहे हैं. छोटे ठेकेदारों का वर्षो से लंबित भुगतान आज तक नहीं हो पाया है. अपने चहेतों का भुगतान पहले ही कर दिया जाता है, जबकि अन्य ठेकेदारों को मुंह तांकना पड़ता है. ऐसे में गरीब ठेकेदार कर्ज लेकर अपने परिवार का लालन-पालन करने को मजबूर है.

ठेकेदारों ने कहा कि पूर्व में पूरे प्रदेश में ई-टेंडरिंग के खिलाफ ठेकेदारों का धरना प्रदर्शन हुआ था. तब सरकार से वार्ता में सहममि बनी थी कि बड़े कार्यों को छोटे-छोटे किए जायेंगे. मगर जिले में जनप्रतिनिधि और अभियंता मिलकर ई-टेंडरिंग करने में लगे हुए हैं. ई-टेंडरिंग में कोई पारदर्शिता नहीं है.

रुद्रप्रयाग: ठेकेदार संघ ने तीन सूत्रीय मांग को लेकर सिंचाई विभाग कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. इससे पहले लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समीप ठेकेदार धरने पर बैठे हुए थे. लोनिवि अधिशासी अभियंता के लिखित आश्वासन के बाद ठेकेदारों ने धरना समाप्त किया. अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने ई-टेंडरिंग खत्म करने, लंबित भुगतान और टेंडरों के प्रचार-प्रसार की मांग की है.

ठेकेदारों का कहना है कि जब तक सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दे देते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. बता दें कि ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग का सभी निर्माणदायी संस्थाओं के खिलाफ 5 अक्टूबर से धरना प्रदर्शन चल रहा है. पहले लोनिवि कार्यालय के बाहर ठेकेदारों का धरना चल रहा था, जो लिखित आश्वासन के बाद खत्म हो गया. अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं.

ठेकेदारों का आंदोलन.

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ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि निर्माणदायी संस्थाओं के अधिशासी अभियंता जनप्रतिनिधियों के दबाव में उनके चहेतों को कार्य बांटने में लगे हुए हैं. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है. सरकार अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर ब्याज पर कर्ज ले रही हैं और यहां अधिकारी-कर्मचारी सरकार को ही चूना लगा रहे हैं. छोटे ठेकेदारों का वर्षो से लंबित भुगतान आज तक नहीं हो पाया है. अपने चहेतों का भुगतान पहले ही कर दिया जाता है, जबकि अन्य ठेकेदारों को मुंह तांकना पड़ता है. ऐसे में गरीब ठेकेदार कर्ज लेकर अपने परिवार का लालन-पालन करने को मजबूर है.

ठेकेदारों ने कहा कि पूर्व में पूरे प्रदेश में ई-टेंडरिंग के खिलाफ ठेकेदारों का धरना प्रदर्शन हुआ था. तब सरकार से वार्ता में सहममि बनी थी कि बड़े कार्यों को छोटे-छोटे किए जायेंगे. मगर जिले में जनप्रतिनिधि और अभियंता मिलकर ई-टेंडरिंग करने में लगे हुए हैं. ई-टेंडरिंग में कोई पारदर्शिता नहीं है.

Last Updated : Oct 12, 2020, 10:50 PM IST
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