रुद्रप्रयागः ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना (rishikesh karnprayag rail project) का कार्य कर रही मेघा कंपनी के मजदूरों एवं कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने आज रेलवे परियोजना स्थल सुमेरपुर में जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही धरना देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कंपनी पर कर्मचारियों का शोषण करने का आरोप भी लगाया. उनका कहना है कि बीते एक साल से उनकी 16 सूत्रीय मांगों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.
बता दें कि जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से पांच किमी की दूरी पर सुमेरपुर में रेलवे परियोजना (rishikesh karnprayag rail line project) का कार्य चल रहा है. यह कार्य मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी (Megha Engineering & Infrastructure Limited Company) कर रही है. इसमें सैकड़ों की संख्या में स्थानीय से लेकर बाहरी शहरों से मजदूर एवं कर्मचारी लगे हुए हैं. मंगलवार सुबह मजदूर और कर्मचारी रेलवे परियोजना के निर्माण स्थल पर एकत्रित हुए.
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काम से निकालने की दी जा रही धमकीः इसके बाद उन्होंने कंपनी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन और रैली निकालने के बाद धरना शुरू कर दिया है. उनका आरोप है कि कंपनी एक साल से मजदूरों का शोषण कर रही है. मजदूरों को केंद्र सरकार की ओर से घोषित मानदेय नहीं दिया जा रहा है. कंपनी के अधिकारियों से पूछे जाने पर काम से हटाये जाने की धमकी दी जा रही है.
इन मांगों को लेकर हैं मुखरः उनका कहना है कि मजदूरों एवं कर्मचारियों की श्रम मंत्रालय की ओर से दी जाने वाली मजदूरी की सूची जारी करने और अकुशल, कुशल, अर्धकुशल एवं अति कुशल के आधार पर मजदूरी तय की जानी चाहिए. रविवार के दिन अवकाश घोषित करना चाहिए. प्रोजेक्ट में मिलने वाले सभी प्रकार के भत्ते देने की मांग भी शामिल है.
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उन्होंने मजदूरों के पहचान पत्र जारी करने, मजदूरों को कंपनी की दैनिक मजदूरी के समय को 8 घंटे तय करने, लंच समय पर कार्य करवाने पर लंच का मानक दिए जाने, कंपनी की छुट्टियां श्रम कानून के अनुसार लागू करने, सभी मजदूरों को पीएफ सुनिश्चित करने, कंपनी में रिक्त पदों जैसे हेल्पर, ट्रेडमैन, ऑपरेटर पदों पर भर्तियां करने, नियुक्ति पत्र जारी करने, आवासीय भत्ता दिए जाने सहित ठेकेदारी प्रथा में लगे मजदूरों पर समान समझौता लागू किए जाने की मांग है.
वहीं, कर्मचारियों और मजदूरों का कहना है कि उनकी मांगों पर बार-बार आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो जाती, कंपनी के खिलाफ धरना जारी रहेगा. कंपनी के खिलाफ 500 से ज्यादा मजदूर एवं कर्मचारी मोर्चा खोले (workers protest against company) हुए हैं.