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प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर आया प्रशासन, 5 स्कूलों के विलय पर लगी रोक - ग्रामिण और अभिभावक

रुद्रप्रयाग के ग्रामीण और अभिभावक पिछले पांच दिनों से विलयीकरण पर रोक लगाने के मांग कर रहे थे. मगंलवार को पांचों विद्यालयों के विलय पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद से ही गांव के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है.

क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी.
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Published : Jul 30, 2019, 6:38 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी ने जनपद के पांच विद्यालयों के विलय पर रोक लगा दी है. जिसके चलते क्षेत्रीय जनता और अभिभावकों में खुशी का माहौल है. ऐसे में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का आभार जताया है.

बता दें कि स्कूलों के विलय को लेकर पिछले पांच दिनों से ग्रामीण मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे थे. मंगलवार को विलय पर रोक लगने के बाद उन्होंने इस धरने को समाप्त कर दिया. साथ ही स्कूली छात्रों ने भी राहत की सांस ली है.

विद्यालयों के विलयीकरण पर रोक लगने से जनता और अभिभावकों में खुशी की लहर.

पढ़ें- सिस्टम बचाओ आंदोलनः इलाके की समस्याओं को लेकर इस शख्स ने अकेले ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

दरअसल, शासन स्तर से 30 संख्या से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिये गये थे. जिसमें रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तूना, कमोल्डी, क्वीली-कुरझण, गंधारी एवं देवर विद्यालयों को बंद करते हुए इनका विलय अन्य विद्यालयों में करने के निर्देश जारी हुए थे. जिसके बाद से अभिभावकों और ग्रामीणों में प्रशासन से खिलाफ आक्रोश था.

क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि आक्रोशित ग्रामीणों की समस्याओं को समझते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर शिक्षा सचिव को मामले में कार्रवाई के लिए कहा. इसके बाद शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया, जिसमें स्कूलों के विलय पर रोक लगाने के आदेश देते हुए स्कूलों को यथावत रहने का निर्णय लिया गया. जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को मौखिक रूप से निर्देश दिए और सीईओ ने समस्त स्कूलों के विलय पर रोक लगाते हुए पत्र जारी किया.

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी ने जनपद के पांच विद्यालयों के विलय पर रोक लगा दी है. जिसके चलते क्षेत्रीय जनता और अभिभावकों में खुशी का माहौल है. ऐसे में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का आभार जताया है.

बता दें कि स्कूलों के विलय को लेकर पिछले पांच दिनों से ग्रामीण मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे थे. मंगलवार को विलय पर रोक लगने के बाद उन्होंने इस धरने को समाप्त कर दिया. साथ ही स्कूली छात्रों ने भी राहत की सांस ली है.

विद्यालयों के विलयीकरण पर रोक लगने से जनता और अभिभावकों में खुशी की लहर.

पढ़ें- सिस्टम बचाओ आंदोलनः इलाके की समस्याओं को लेकर इस शख्स ने अकेले ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

दरअसल, शासन स्तर से 30 संख्या से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिये गये थे. जिसमें रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तूना, कमोल्डी, क्वीली-कुरझण, गंधारी एवं देवर विद्यालयों को बंद करते हुए इनका विलय अन्य विद्यालयों में करने के निर्देश जारी हुए थे. जिसके बाद से अभिभावकों और ग्रामीणों में प्रशासन से खिलाफ आक्रोश था.

क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि आक्रोशित ग्रामीणों की समस्याओं को समझते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर शिक्षा सचिव को मामले में कार्रवाई के लिए कहा. इसके बाद शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया, जिसमें स्कूलों के विलय पर रोक लगाने के आदेश देते हुए स्कूलों को यथावत रहने का निर्णय लिया गया. जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को मौखिक रूप से निर्देश दिए और सीईओ ने समस्त स्कूलों के विलय पर रोक लगाते हुए पत्र जारी किया.

Intro:पांच स्कूलों के विलयीकरण पर लगी रोक, ग्रामीणों में खुशी
पिछले पांच दिनों से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर दे रहे थे धरना
क्षेत्रीय विधायक एवं जिलाधिकारी का जताया आभार उत्तराखण्ड डेस्क
रुद्रप्रयाग- जनपद के पांच विद्यालयों के विलयीकरण पर रोक लगने पर क्षेत्रीय जनता एवं अभिभावकों में खुशी देखी जा रही है। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चैधरी एवं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का आभार जताया है। स्कूलों के विलयीकरण को लेकर पिछले पांच दिनों से ग्रामीणों का मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर चल रहा धरना भी समाप्त हो गया है तो स्कूली छात्रों ने भी राहत की सांस ली है। Body:दरअसल, शासन स्तर से 30 संख्या के कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिये गये थे। इस दायरे में रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तूना, कमोल्डी, क्वीली-कुरझण, गंधारी एवं देवर विद्यालयों को बंद करते हुए इनका विलयीकरण अन्य विद्यालयों में करने के निर्देश दिये गये। इसके बाद अभिभावकों एवं ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्हें अपने पाल्यों की चिंता सताने लगी, क्योंकि जिन विद्यालयों में इन स्कूलों को विलय किया गया, उनकी दूरी दस से बारह किमी है। ऐसे में छात्रों को रोजाना स्कूल जाने के लिए जंगल के रास्ते मीलों पैदल चलने की समस्या खड़ी हो गई थी। स्कूलों के विलयीकरण के बाद पांचों गांवों के ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया। पिछले पांच दिनों तक अभिभावक व ग्रामीणों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना देते हुए अपने गुस्से का इजहार किया।Conclusion:आक्रोशित ग्रामीणों की समस्या को समझते हुए क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चैधरी ने मुख्यमंत्री से वार्ता की और शिक्षा सचिव को मामले में कार्यवाही के लिए कहा। इसके बाद शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया, जिसमें स्कूलों के विलयीकरण पर रोक लगाने के आदेश देते हुए स्कूलों को यथावत रहने को कहा गया। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री शिक्षा अधिकारी को मौखिक रूप से निर्देश दिए और सीईओ ने समस्त स्कूलों के विलयीकरण पर रोक लगाते हुए पत्र जारी किया।
स्कूलों के विलयीकरण पर रोक लगाये जाने के पत्र को एसडीएम बृजेश तिवारी ने ग्रामीणों एवं अभिभावकों के समक्ष पढ़ा, जिसके बाद धरना समाप्त किया गया। ग्रामीणों ने स्कूलों को यथावत रखे जाने पर क्षेत्रीय विधायक एवं जिलाधिकारी का आभार जताया।
बाइट - विजय कप्रवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा
बाइट - सुनिता देवी, अभिभावक
बाइट - सीएन काला, मुख्य शिक्षा अधिकारी
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