रुद्रप्रयाग: जिले के धनपुर पट्टी की रीना कंडारी का चयन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन बेंगलुरू में वैज्ञानिक (बी) राजपत्रित अधिकारी के पद पर हुआ है. उनके चयन पर जिले के सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर है. लोगों ने रीना कंडारी के चयन पर खुशी जताते हुए इसे क्षेत्र के लिए गौरव की बात बताया.
धनपुर पट्टी के ग्राम पंचायत पीड़ा खैरपाणी निवासी रीना कंडारी के पिता हीरा सिंह कंडारी पेशे से वाहन चालक हैं, जबकि रीना की मां गृहणी हैं. रीना बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थी. उसने हाईस्कूल परीक्षा में प्रदेशभर में बीसवां स्थान हासिल किया था. राजकीय बालिका इंटर काॅलेज रुद्रप्रयाग में वह पहली छात्रा थी, जिसका नाम प्रदेश की मेरिट लिस्ट में शामिल हुआ था. इंटर की परीक्षा में भी रीना ने प्रदेश स्तर पर मेरिट लिस्ट में दसवां स्थान हासिल किया था.
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विद्या मंदिर बेलणी से रीना कंडारी ने इंटर की परीक्षा पास की. इसके बाद रीना का चयन गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विवि. पंतनगर के लिए हुआ. यहां रीना ने चार साल तक कम्प्यूटर साइंस से बीटेक की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी होते ही रीना की नौकरी पौड़ी जिले में सूचना एवं विज्ञान अधिकारी के पद पर लगी. जहां उन्होंने दो साल सेवाएं दी.
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अब रीना का चयन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन बेंगलुरू में वैज्ञानिक (बी) राज पत्रित अधिकारी के पद पर हुआ है. रीना के चयन पर पर जिले के सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र की जनता ने खुशी जताई है. रीना के भाई अमित ने बताया कि रीना बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार थी. उसे बचपन से वैज्ञानिक बनने का शौक था. आज उसने अपने सपने को साकार कर दिया है. उसकी मेहनत और लगन का फल उसे आज मिल गया है.
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रीना ने बताया कि बचपन से ही तकनीकी क्षेत्र में कार्य करने की उत्सुकता थी, इसलिए डीआरडीओ की तैयारी की. जिसमें उन्हें सफलता भी मिली. उनका चयन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) में वैज्ञानिक बी के पद पर हुआ है, जहां पर वे कम्यूटर साइंस से संबंधित टेक्निकल का कार्य को करेंगी.
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बता दें कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है. यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुशांगिक ईकाई के रूप में काम करता है. वर्तमान में संस्थान की अपनी 51 प्रयोगशालाएं हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण आदि के क्षेत्र में अनुसंधान में कार्यरत हैं.
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पांच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं. यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं.