रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में मई महीने में जमकर बर्फबारी हो रही है. जिसके कारण बाबा केदार का धाम बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गया है. केदारधाम में हो रही बर्फबारी के कारण यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.
गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर अभी भी लिनचौली से धाम तक बड़े-बड़े ग्लेशियर मौजूद हैं. इन ग्लेशियरों को काटकर मंदिर तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया गया है. जबकि केदारनाथ में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण इसे हटाने का काम अभी भी जारी है. कुछ दिनों के अंतराल के बाद हो रही बर्फबारी ने यहां काम कर रहे मजदूरों की परेशानियां बढ़ा दी हैं.
बात अगर केदारनाथ धाम परिसर की करें तो मंदिर के पीछे शंकराचार्य समाधि स्थल के काम में भी बर्फबारी बार-बार रोड़ा बन रही है. बर्फबारी ने धाम की सुंदरता पर चार चांद तो लगा दिए हैं, मगर पुनर्निर्माण कार्यों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए चलाई गई विशेष ट्रेनें
बता दें केदारनाथ धाम में मुख्य पुजारी, देवस्थानम के कर्मचारी सहित पुनर्निर्माण कार्य में जुटे मजदूर ही मौजूद हैं, जिन्हें बर्फबारी के कारण ठंड का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों धाम में तीर्थ पुरोहितों के आवास, सरस्वती नदी पर घाट सहित अन्य निर्माण कार्य होने थे, लेकिन बर्फबारी के कारण अभी फिलहाल इन सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगी है.
पढ़ें- एक लाख से ज्यादा प्रवासी पहुंच चुके हैं उत्तराखंड, जानिए सरकार की आगे की प्लानिंग
वुड स्टोनी कंपनी के मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि केदारधाम में चारों ओर बर्फ ही बर्फ जमी है, जिसके कारण सभी लोगों को भारी ठंड का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इस बार कोराना महामारी और लाॅकडाउन के कारण मठ-मंदिरों के दर्शनों पर रोक लगाई गई है, जिसके कारण केदारधाम में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.