रुद्रप्रयाग: मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है. ये पंक्तियां रुद्रप्रयाग के नारी गांव निवासी राहुल पर सटीक बैठती हैं. उन्होंने कोरोनाकाल में नौकरी गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी और स्वरोजगार को अपनाकर तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं. साथ ही गांव के दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. रुद्रप्रयाग के नारी गांव निवासी राहुल मलवाल अपने घर में ही एलईडी बल्ब बनाकर गांव के अन्य परिवारों को भी रोजगार दे रहे हैं. उनके इस कार्य की क्षेत्र में चौतरफा सराहना हो रही है. वहीं राहुल मलवाल PM मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान को भी आगे बढ़ा रहे हैं.
कोरोना वायरस और लाॅकडाउन में कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के अधिकांश युवा रोजगार के लिये शहरी क्षेत्रों का रुख करते हैं, लेकिन कोरोनाकाल में कई प्रवासी घर लौटे हैं. लाॅकडाउन में बेरोजगारी झेलने वाले कई लोग आज अपने गांव में ही स्वरोजगार अपनाकर प्रेरणा की मिसाल बने हुये हैं. नारी गांव निवासी राहुल मलवाल ने देश के अनेक हिस्सों में इलेक्ट्रॉनिक्स का काम किया. कोरोना का असर इन पर भी पड़ा और लॉकडाउन लगने से वे घर लौट आए. राहुल अपने घर में ही एलईडी बल्ब बनाकर गांव के अन्य परिवारों को भी रोजगार दे रहे हैं. साथ में उनकी पत्नी विनीता मलवाल भी उनके काम में हाथ बंटा रही हैं.
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काम चलने लगा तो गांव की दो महिलाओं मुन्नी देवी व लक्ष्मी देवी को भी रोजगार दिया. राहुल मलवाल द्वारा फिलहाल 5,7,9,12 वॉट के बल्ब बनाये जा रहे हैं. जिनकी कीमत प्रति बल्ब 25 रुपए से 150 रुपए तक है. साथ ही खराब हुए बल्बों को भी रिपेयर किया किया जा रहा है. राहुल मलवाल ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनका रोजगार चला गया था और वह बेरोजगार होकर गांव आ गये थे. बल्ब बनाने का कार्य पहले से आता था, बाहर से कच्चा सामान मंगवाकर गांव में ही बल्ब बनाना शुरू किया. उनके इस कार्य में पत्नी ने भी सहयोग किया. उन्होंने बताया कि आज बल्ब तैयार होकर मार्केट में बिक रहे हैं, जिससे गांव के तीन अन्य परिवारों को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है.