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रुद्रप्रयाग: जीर्ण-शीर्ण हालत में लोनिवि का कैंप कार्यालय, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध - रुद्रप्रयाग न्यूज

राज्य गठन के बाद जहां विकासखंड जखोली का विकास कछुआ गति से चल रहा है. राज्य गठन के बाद से इस क्षेत्र का विकास आज तक नहीं हो पाया है.

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जीर्ण-शीर्ण हालत में लोनिवि का कैंप कार्यालय
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Published : Jan 30, 2021, 9:55 AM IST

रुद्रप्रयाग: कभी टिहरी जिले में शामिल रहे जखोली विकासखंड की उपेक्षा होने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है. क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की खस्ता हालत बनी हुई है, इसके अलावा बिजली, पानी और दूर संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीण परेशान हैं. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र का विकास ठप पड़ा हुआ है.


राज्य गठन के बाद जहां विकासखंड जखोली का विकास कछुआ गति से चल रहा है. राज्य गठन के बाद से इस क्षेत्र का विकास आज तक नहीं हो पाया है. क्षेत्र में सड़कों का जाल फैलाने को लेकर लोक निर्माण विभाग का कैंप कार्यालय मयाली में खोला गया, जहां पर सहायक अभियंता से लेकर अवर अभियंताओं को समय-समय पर बैठना था. मगर आज इस कैंप कार्यालय की दुर्दशा अपनी कहानी को बयां कर रहा है.

पढें-सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना की समीक्षा, इन हॉस्पिटलों को किया सम्मानित

देखरेख के अभाव और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते कैंप कार्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है. इस कैंप कार्यालय का संचालन कभी टिहरी जिले के नरेन्द्रनगर, घनसाली व कीर्तिनगर से किया गया और उस दौरान इसकी हालत काफी बेहतर थी, मगर जिला निर्माण और राज्य स्थापना के बाद इस कैंप कार्यालय की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई और आज स्थिति यह है कि यह किसी भूत बंगले से कम नहीं है. जखोली विकासखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शामिल होने के बाद इस कैंप कार्यालय को सुधारने की दिशा में नेताओं ने कभी दिलचस्पी हीं नहीं दिखाई, बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहे.

पढ़ें- एसपी सिटी ने कई हुक्का बार और रेस्टोरेंट्स में मारा छापा, 11 के खिलाफ हुई कार्रवाई

राज्य गठन के बाद से इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया. इतने लम्बे अंतराल में कभी भी लोक निर्माण विभाग के कैंप कार्यालय को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. सोचनीय विषय है कि राज्य आंदोलन को लेकर 10 जनवरी 1994 में जखोली से बिगुल फूंका गया और इस आंदोलन में क्षेत्र की कई हस्तियों से लेकर क्षेत्र के युवाओं ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, आज वहीं क्षेत्र उपेक्षित पड़ा हुआ है. साथ ही विकास कोसों दूर है. जखोली विकासखंड के अन्तर्गत लोनिवि की 45 सड़कें हैं, जो बिना देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में हैं. अगर इस कैंप कार्यालय की स्थिति सही होती तो सहायक अभियंता और अवर अभियंता यहां आते और समय-समय पर सड़कों का निरीक्षण किया जाता. लेकिन अभियंता रुद्रप्रयाग कार्यालय आने के बाद निकल जाते हैं.

कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेन्द्र सकलानी एवं उत्तराखंड क्रांति दल के महामंत्री भगत चौहान ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के मयाली स्थित कैंप कार्यालय की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. इसके जीर्णोद्धार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सिर्फ राजनीति करने तक सीमित रह गए हैं. विकास कार्यों से किसी का कोई लेना-देना नहीं रह गया है. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि कैंप कार्यालय मयाली के जीर्णोद्धार को लेकर शासन को वर्ष 2015-16 में 60 लाख का स्टीमेट भेजा था, इसकी स्वीकृति आज तक नहीं मिली है. जैसे ही शासन से स्वीकृति मिलेगी, कैंप कार्यालय के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: कभी टिहरी जिले में शामिल रहे जखोली विकासखंड की उपेक्षा होने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है. क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की खस्ता हालत बनी हुई है, इसके अलावा बिजली, पानी और दूर संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीण परेशान हैं. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र का विकास ठप पड़ा हुआ है.


राज्य गठन के बाद जहां विकासखंड जखोली का विकास कछुआ गति से चल रहा है. राज्य गठन के बाद से इस क्षेत्र का विकास आज तक नहीं हो पाया है. क्षेत्र में सड़कों का जाल फैलाने को लेकर लोक निर्माण विभाग का कैंप कार्यालय मयाली में खोला गया, जहां पर सहायक अभियंता से लेकर अवर अभियंताओं को समय-समय पर बैठना था. मगर आज इस कैंप कार्यालय की दुर्दशा अपनी कहानी को बयां कर रहा है.

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देखरेख के अभाव और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते कैंप कार्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है. इस कैंप कार्यालय का संचालन कभी टिहरी जिले के नरेन्द्रनगर, घनसाली व कीर्तिनगर से किया गया और उस दौरान इसकी हालत काफी बेहतर थी, मगर जिला निर्माण और राज्य स्थापना के बाद इस कैंप कार्यालय की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई और आज स्थिति यह है कि यह किसी भूत बंगले से कम नहीं है. जखोली विकासखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शामिल होने के बाद इस कैंप कार्यालय को सुधारने की दिशा में नेताओं ने कभी दिलचस्पी हीं नहीं दिखाई, बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहे.

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राज्य गठन के बाद से इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया. इतने लम्बे अंतराल में कभी भी लोक निर्माण विभाग के कैंप कार्यालय को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. सोचनीय विषय है कि राज्य आंदोलन को लेकर 10 जनवरी 1994 में जखोली से बिगुल फूंका गया और इस आंदोलन में क्षेत्र की कई हस्तियों से लेकर क्षेत्र के युवाओं ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, आज वहीं क्षेत्र उपेक्षित पड़ा हुआ है. साथ ही विकास कोसों दूर है. जखोली विकासखंड के अन्तर्गत लोनिवि की 45 सड़कें हैं, जो बिना देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में हैं. अगर इस कैंप कार्यालय की स्थिति सही होती तो सहायक अभियंता और अवर अभियंता यहां आते और समय-समय पर सड़कों का निरीक्षण किया जाता. लेकिन अभियंता रुद्रप्रयाग कार्यालय आने के बाद निकल जाते हैं.

कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेन्द्र सकलानी एवं उत्तराखंड क्रांति दल के महामंत्री भगत चौहान ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के मयाली स्थित कैंप कार्यालय की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. इसके जीर्णोद्धार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सिर्फ राजनीति करने तक सीमित रह गए हैं. विकास कार्यों से किसी का कोई लेना-देना नहीं रह गया है. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि कैंप कार्यालय मयाली के जीर्णोद्धार को लेकर शासन को वर्ष 2015-16 में 60 लाख का स्टीमेट भेजा था, इसकी स्वीकृति आज तक नहीं मिली है. जैसे ही शासन से स्वीकृति मिलेगी, कैंप कार्यालय के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

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