रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. नाराज तीर्थ- पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि अगर देवस्थानम बोर्ड शीघ्र भंग ना हुआ तो ये सिलसिला आगे भी बरकरार रहेगा. तीर्थ-पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में मंदिर में प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, तीर्थ-पुरोहितों का कहना है कि 1 सितंबर को बोर्ड के विरोध में जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया जाएगा.
दरअसल, केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर पिछले दो सालों से आंदोलनरत हैं. इसके अलावा तीर्थ-पुरोहितों न केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार ने इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, जिसके कारण तीर्थ पुरोहितों में खासा आक्रोश है. अब तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. केदारनाथ के तीर्थ-पुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बिना उनको बताए बनाया गया है, जो कि हक-हकूकों के अस्तित्व पर कुठाराघात है.
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वहीं, तीर्थ-पुरोहितों ने कहा कि जहां एक ओर भाजपा की मोदी सरकार हिंदुत्व की बात करते नहीं थकती, वहीं दूसरी ओर सरकार चार धामों सहित 51 मठ-मंदिरों में देवस्थानम बोर्ड लागू करके देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार देवस्थानम बोर्ड को शीघ्र भंग नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में भाजपा से जुड़े सभी तीर्थ-पुरोहित सामूहिक इस्तीफा देंगे.
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तीर्थ-पुरोहितों ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को शीघ्र भंग नहीं किया गया, तो तीर्थ-पुरोहित 1 सितंबर को जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. इसके अलावा सभी तीर्थ-पुरोहित आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.