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चारधाम यात्रा खुलने से पंडे-पुजारियों और व्यापारियों में खुशी, जताया आभार

नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को पूरी तरह खोल दिया है. अब सारे श्रद्धालु चारों धामों में जा सकते हैं. हाईकोर्ट द्वारा यात्रा पूरी तरह खोलने से श्रद्धालुओं और पंडे-पुजारियों में खुशी की लहर है. सभी ने हाईकोर्ट का आभार जताया है.

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चारधाम यात्रा
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Published : Oct 5, 2021, 2:42 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को पूर्ण रूप से खोल दिया है. इसके अलावा ई-पास की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है. यात्रा को पूर्ण रूप से खोलने के बाद केदारनाथ, रुद्रप्रयाग और केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, फाटा आदि क्षेत्रों में व्यापारियों ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये जश्न मनाया. व्यापारियों ने आतिशबाजी के साथ ही मिष्ठान वितरण किया.
कोरोना महामारी कम होने के बाद 18 सितम्बर से उत्तराखण्ड हाईकोर्ट नैनीताल ने चारधाम यात्रा को सुचारू करने के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट ने यात्रा में ई-पास और लिमिटेड यात्रियों की संख्या को रखा था. केदारनाथ धाम के लिये एक दिन में मात्र 800 ई-पास ही जारी हो रहे थे. ई- पास सिस्टम जारी होने के कारण हजारों की संख्या में यात्री केदारनाथ के दर्शन नहीं कर पा रहे थे. यात्रियों को जगह-जगह वापस लौटाया जा रहा था.

चारधाम यात्रा खुलने से खुशी.

इसके साथ ही होटल, लाॅज, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी सहित अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा था. ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिये व्यवसायियों के अलावा यात्रियों का विरोध जारी था. मंगलवार को उच्च न्यायालय ने ई-पास और यात्रियों की लिमिट को समाप्त कर दिया है. जिसके बाद जगह-जगह व्यापारियों और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: अब सभी श्रद्धालुओं के लिए खुले चारधाम, कोविड नियमों का करना होगा पालन


उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद केदारनाथ सहित रुद्रप्रयाग और केदारनाथ यात्रा के अन्य पड़ावों में जश्न मनाया गया. इस दौरान आतिशबाजी करते हुये मिष्ठान वितरण किया गया. व्यापारियों ने कहा कि कोरोना के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. चारधाम यात्रा तो खुली थी, लेकिन सीमित संख्या में यात्रियों के आने से रोजगार प्रभावित हो रहा था. अब यात्रियों की संख्या में इजाफा होने से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को पूर्ण रूप से खोल दिया है. इसके अलावा ई-पास की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है. यात्रा को पूर्ण रूप से खोलने के बाद केदारनाथ, रुद्रप्रयाग और केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, फाटा आदि क्षेत्रों में व्यापारियों ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये जश्न मनाया. व्यापारियों ने आतिशबाजी के साथ ही मिष्ठान वितरण किया.
कोरोना महामारी कम होने के बाद 18 सितम्बर से उत्तराखण्ड हाईकोर्ट नैनीताल ने चारधाम यात्रा को सुचारू करने के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट ने यात्रा में ई-पास और लिमिटेड यात्रियों की संख्या को रखा था. केदारनाथ धाम के लिये एक दिन में मात्र 800 ई-पास ही जारी हो रहे थे. ई- पास सिस्टम जारी होने के कारण हजारों की संख्या में यात्री केदारनाथ के दर्शन नहीं कर पा रहे थे. यात्रियों को जगह-जगह वापस लौटाया जा रहा था.

चारधाम यात्रा खुलने से खुशी.

इसके साथ ही होटल, लाॅज, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी सहित अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा था. ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिये व्यवसायियों के अलावा यात्रियों का विरोध जारी था. मंगलवार को उच्च न्यायालय ने ई-पास और यात्रियों की लिमिट को समाप्त कर दिया है. जिसके बाद जगह-जगह व्यापारियों और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है.

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद केदारनाथ सहित रुद्रप्रयाग और केदारनाथ यात्रा के अन्य पड़ावों में जश्न मनाया गया. इस दौरान आतिशबाजी करते हुये मिष्ठान वितरण किया गया. व्यापारियों ने कहा कि कोरोना के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. चारधाम यात्रा तो खुली थी, लेकिन सीमित संख्या में यात्रियों के आने से रोजगार प्रभावित हो रहा था. अब यात्रियों की संख्या में इजाफा होने से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा.

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