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मिसाल: खुद के खर्च से छात्रों को बांटी किताबें, 25 हजार लोगों का कोरोना से किया बचाव - प्रधानाध्यापक चन्द्रमोहन नैथानी

राजकीय प्राथमिक विद्यालय ककोला के प्रधानाध्यापक चन्द्रमोहन नैथानी छोटे स्कूली बच्चों को स्वयं के खर्चे से निःशुल्क पुस्तकें वितरित कर रहे हैं. कोरोना काल में नैथानी ने क्षेत्र में 25 हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क इम्यूनिटी बूस्टर बांटे थे.

Rudraprayag Latest News
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Published : Feb 13, 2021, 4:33 PM IST

रुद्रप्रयाग: जहां एक ओर सरकार अभी तक स्कूलों में छात्रों को किताबें वितरित नहीं कर पाई है, वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय ककोला के प्रिसिंपल चन्द्रमोहन नैथानी ने कोरोना महामारी के दौरान मिसाल कामय की है.

नैथानी ने खुद के खर्चे से न केवल अपने विद्यालय के छात्रों को बल्कि आसपास के बीस अन्य गरीब छात्रों को भी पढ़ाई की सामग्री बांटी हैं. इसके साथ उन्होंने 25 हजार लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई का वितरण भी किया है. इससे पहले नैथानी राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेड़ूबगड़ में कार्य करते हुए अपने खर्चे से छात्रों के बैठने के लिए बेंच व पढ़ने के लिए लाइब्रेरी भी बना चुके हैं.

अगस्त्यमुनि ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय ककोला के प्रधानाध्यापक चन्द्रमोहन नैथानी ने क्षेत्र में कोरोना से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने न केवल ग्रामीणों को कोरोना से बचने के लिए जागरूक किया, बल्कि उन्हें इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर निःशुल्क आर्सेनिक एल्बम 30 (होम्योपैथी दवा) भी वितरित की. अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के अलावा चन्द्रापुरी, भटवाड़ी सुनार, ककोला, चैण्ड, डोभा, रूमसी, सौड़ी, गिंवाला सहित कई ग्रामों में 25 हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क इम्यूनिटी बूस्टर वितरित की.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आधी आबादी को मिलेगा ₹5 लाख का ब्याज मुक्त ऋण

नैथानी ने कोविड-19 में ड्यूटी करते हुए नोडल अधिकारी के रूप में भी कार्य किया. इस दौरान उन्होंने सीएचसी अगस्त्यमुनि के चिकित्सकों के साथ सहयोग करते हुए कई गांवों में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया. जब जनपद में कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा था, तब उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों के सहयोग से एक हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट करवाकर कोरोना के फैलाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्य में उनके बेटे दिव्यांश नैथानी ने भी उनका साथ निभाया है.

यही नहीं, नैथानी कोरोना काल में मिड डे मील की धनराशि को छात्रों के खातों में ट्रांसफर करते रहे. अबतक मार्च 2020 से माह जनवरी 2021 तक के मध्याह्न भोजन मद में प्राप्त धनराशि छात्रों के खातों में डीबीटी के माध्यम से शत प्रतिशत स्थानान्तरित की जा चुकी है.

रुद्रप्रयाग: जहां एक ओर सरकार अभी तक स्कूलों में छात्रों को किताबें वितरित नहीं कर पाई है, वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय ककोला के प्रिसिंपल चन्द्रमोहन नैथानी ने कोरोना महामारी के दौरान मिसाल कामय की है.

नैथानी ने खुद के खर्चे से न केवल अपने विद्यालय के छात्रों को बल्कि आसपास के बीस अन्य गरीब छात्रों को भी पढ़ाई की सामग्री बांटी हैं. इसके साथ उन्होंने 25 हजार लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई का वितरण भी किया है. इससे पहले नैथानी राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेड़ूबगड़ में कार्य करते हुए अपने खर्चे से छात्रों के बैठने के लिए बेंच व पढ़ने के लिए लाइब्रेरी भी बना चुके हैं.

अगस्त्यमुनि ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय ककोला के प्रधानाध्यापक चन्द्रमोहन नैथानी ने क्षेत्र में कोरोना से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने न केवल ग्रामीणों को कोरोना से बचने के लिए जागरूक किया, बल्कि उन्हें इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर निःशुल्क आर्सेनिक एल्बम 30 (होम्योपैथी दवा) भी वितरित की. अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के अलावा चन्द्रापुरी, भटवाड़ी सुनार, ककोला, चैण्ड, डोभा, रूमसी, सौड़ी, गिंवाला सहित कई ग्रामों में 25 हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क इम्यूनिटी बूस्टर वितरित की.

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नैथानी ने कोविड-19 में ड्यूटी करते हुए नोडल अधिकारी के रूप में भी कार्य किया. इस दौरान उन्होंने सीएचसी अगस्त्यमुनि के चिकित्सकों के साथ सहयोग करते हुए कई गांवों में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया. जब जनपद में कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा था, तब उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों के सहयोग से एक हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट करवाकर कोरोना के फैलाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्य में उनके बेटे दिव्यांश नैथानी ने भी उनका साथ निभाया है.

यही नहीं, नैथानी कोरोना काल में मिड डे मील की धनराशि को छात्रों के खातों में ट्रांसफर करते रहे. अबतक मार्च 2020 से माह जनवरी 2021 तक के मध्याह्न भोजन मद में प्राप्त धनराशि छात्रों के खातों में डीबीटी के माध्यम से शत प्रतिशत स्थानान्तरित की जा चुकी है.

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