रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और केदारनाथ के मास्टर प्लान निरस्त करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार से केदारनाथ में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन एवं धरना शुरू कर दिया है. इससे पहले एक तीर्थ पुरोहित केदार धाम में अर्धनग्न अवस्था में पहले से ही धरना दे रहे हैं. तीर्थपुरोहितों का कहना है जब तक सरकार ने तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारियों के हितों की अनदेखी करना बंद नहीं किया तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें बीते कई दिनों से तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी केदारनाथ में धरना दे रहे हैं, जबकि कई बार उनके समर्थन में तीर्थ पुरोहितों भी केदारनाथ मंदिर परिसर में धरना दे रहे हैं. सोमवार को तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने और मास्टर प्लान को निरस्त करने की मांग करते हुए क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है.
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केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को बिना विश्वास में लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है. जबकि बिना व्यवस्थाओं के यात्रा का भी संचालन किया जा रहा है, जिससे यहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने मास्टर प्लान से हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों का भी विरोध किया.
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उन्होंने कहा जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में व्यापक नुकसान हुआ था, जिसमें तीर्थ पुरोहितों के आवासीय, व्यापारिक प्रतिष्ठान भी सैलाब में बह गए थे. मगर सरकार मास्टर प्लान के तहत धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के नाम पर उनकी संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए निशान लगा रही है.