रुद्रप्रयाग: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत ठीक उलट है. जिसकी बानगी रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिल रही है. यहां शिक्षा विभाग में अधिकारियों के न होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. कुछ दिनों बाद बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, लेकिन जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं. इतना ही नहीं ब्लाॅक स्तर पर भी खंड एवं उप खंड शिक्षा अधिकारियों के पद भी रिक्त चल रहे हैं. बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए डायट के प्राचार्य को इन दिनों मुख्य शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त पद भार दिया गया है.
भगवान भरोसे शिक्षा व्यवस्था: रुद्रप्रयाग की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित हो रही है. यही कारण है कि यहां अधिकांश प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गये हैं. एक ओर जनपद में अभिभावकों से अपील की जा रही है कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजें. दूसरी ओर सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. जब जनपद में शिक्षा व्यवस्था की कमान संभालने वाले अधिकारी ही नहीं हैं तो अध्यापक कहां से होंगे. विगत लंबे समय से रुद्रप्रयाग जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी के पद रिक्त चल रहे हैं. यह तीनों ऐसे पद हैं, जिनके हाथों में जनपद की शिक्षा व्यवस्था की कमान होती है, लेकिन जब यह तीनों पद ही रिक्त हैं तो समझा जा सकता है कि शिक्षा व्यवस्था के क्या हाल होंगे.
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बोर्ड परीक्षा सिर पर: इतना ही नहीं ब्लाॅक स्तर पर भी खंड शिक्षा अधिकारी एवं उप खंड शिक्षा अधिकारी के पद भी रिक्त चल रहे हैं. तीन विकासखंड वाले रुद्रप्रयाग जनपद में ऊखीमठ और अगस्त्यमुनि विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं. मात्र एक विकासखंड जखोली में खंड शिक्षा अधिकारी की तैनाती की गई है. जनपद स्तर पर उच्च अधिकारियों के न होने से बच्चों की शिक्षा-व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. जनपद में तैनात शिक्षकों की देख-रेख करने वाला कोई भी तैनात नहीं है. वहीं शिक्षा विभाग के 6 माह से अधिकारी विहीन होने से राजकीय शिक्षक संघ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.
बोर्ड परीक्षाओं के बहिष्कार चेतावनी: जनपद में 9 अधिकारियों के पद सृजित हैं. उनमें केवल एक पूर्णकालिक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यरत हैं. राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट एवं जिला उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं और बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन की जिम्मेदारी अधिकारियों की रहती है. जिससे शिक्षकों में आक्रोश है. जबकि संघ के पदाधिकारी कई बार नियुक्ति की मांग कर चुके हैं. साथ ही बोर्ड परिक्षाओं के बहिष्कार की चेतावनी दे चुके हैं.
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शिक्षामंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार: मुख्य शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य विनोद सेमल्टी का कहना है कि जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त चल रहा है. इसके अलावा अगस्त्यमुनि और ऊखीमठ में भी खंड शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं. रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त चल रहा है. डायट के प्राचार्य के पास मुख्य शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त पदभार दिया गया है. शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री को समस्या से अवगत करा दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही यहां पर अधिकारियों की नियुक्ति होगी.