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रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे में हो रहा घटिया निर्माण कार्य, डंपिंग जोन न बनाए जाने से जनता में आक्रोश

गौरीकुंड हाईवे पर ऑल वेदर रोड का कार्य किया जा रहा है. पहली ही बारिश में करोड़ों की लागत से लगाई गई पुश्त धराशाई हो गई हैं. पहाड़ कटान का मलबा भी मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा हैं.

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर चल रहा घटिया निर्माण कार्य.
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Published : Sep 29, 2019, 7:31 AM IST

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड हाईवे पर करोड़ों की लागत से बनाए गए पुश्तों की पोल खुलने लगी है. पुश्तों में घटिया सामाग्री का प्रयोग होने से असलियत सामने आने लगी है. वहीं लोगों ने कहा कि विभागीय अभियंताओं और निर्माण एजेंसी की मिलीभगत से राजमार्ग पर घटिया कार्य किया जा रहा है.

ऐसे में स्थानीय जनता में निर्माण एजेंसी और विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर ऑल वेदर का कार्य चल रहा है. इस ऑल वेदर का कार्य आरजीबी कंपनी कर रही है. कंपनी की ओर से पुश्तों का निर्माण कार्य छोटे-छोटे ठेकेदारों को दिया गया है. जिससे ठेकेदार मोटे मुनाफे के चक्कर में निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का प्रयोग कर रहे हैं.

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर चल रहा घटिया निर्माण कार्य.

यह भी पढ़ें: मसूरी पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, अर्बन ट्रांसफॉरमेशन समिट 2019 का किया शुभारंभ

इससे करोड़ों की लागत से लगाई गई पुश्ते एक ही बरसात भी नहीं झेल पाए. राजमार्ग में पुश्तों के निर्माण में निर्माण एजेंसी रेत-बजरी की जगह मिट्टी का प्रयोग कर रही है. ऐसे में पुश्तों का ज्यादा टिक पाना मुश्किल है. इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी की मशीने पहाड़ की कटिंग के मलबे को सीधे मंदाकिनी नदी में फेंक रही है. जिस कारण मंदाकिनी नदी का पानी दूषित हो रहा है. राजमार्ग पर कई जगहों पर डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है. जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.

वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि एनजीटी की ओर सख्त निर्देश दिये गये हैं. पहाड़ी कटान का मलबा डंपिग जोन में डाला जाए. अगर निर्माणदायी संस्था की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड हाईवे पर करोड़ों की लागत से बनाए गए पुश्तों की पोल खुलने लगी है. पुश्तों में घटिया सामाग्री का प्रयोग होने से असलियत सामने आने लगी है. वहीं लोगों ने कहा कि विभागीय अभियंताओं और निर्माण एजेंसी की मिलीभगत से राजमार्ग पर घटिया कार्य किया जा रहा है.

ऐसे में स्थानीय जनता में निर्माण एजेंसी और विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर ऑल वेदर का कार्य चल रहा है. इस ऑल वेदर का कार्य आरजीबी कंपनी कर रही है. कंपनी की ओर से पुश्तों का निर्माण कार्य छोटे-छोटे ठेकेदारों को दिया गया है. जिससे ठेकेदार मोटे मुनाफे के चक्कर में निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का प्रयोग कर रहे हैं.

रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर चल रहा घटिया निर्माण कार्य.

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इससे करोड़ों की लागत से लगाई गई पुश्ते एक ही बरसात भी नहीं झेल पाए. राजमार्ग में पुश्तों के निर्माण में निर्माण एजेंसी रेत-बजरी की जगह मिट्टी का प्रयोग कर रही है. ऐसे में पुश्तों का ज्यादा टिक पाना मुश्किल है. इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी की मशीने पहाड़ की कटिंग के मलबे को सीधे मंदाकिनी नदी में फेंक रही है. जिस कारण मंदाकिनी नदी का पानी दूषित हो रहा है. राजमार्ग पर कई जगहों पर डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है. जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.

वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि एनजीटी की ओर सख्त निर्देश दिये गये हैं. पहाड़ी कटान का मलबा डंपिग जोन में डाला जाए. अगर निर्माणदायी संस्था की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:स्पेशल -
रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड हाईवे पर चल रहा घटिया निर्माण कार्य
पहली ही बरसात में ध्वस्त हुए करोड़ों की लागत से लगे पुश्ते
मंदाकिनी नदी में फैंका जा रहा पहाड़ी कटान का मलबा
डंपिंग जोन न बनाये जाने से स्थानीय जनता में आक्रोश
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे पर आॅल वेदर रोड़ का कार्य किया जा रहा है, जो घटिया तरीके के साथ ही मंदाकिनी नदी को भी प्रदूषित कर रहा है। आॅल वेदर कार्य में लगे मजदूर पहाड़ कटान का मलबा मंदाकिनी नदी में फैंक रहे हैं, जबकि रेत-बजरी की जगह पुश्तों के निर्माण में मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में बरसात होने पर पुश्ते ढह रहे हैं और आवागमन करने में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। Body:रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड हाईवे पर करोड़ों की लागत से लगाये गये पुश्तों की पोल खुलने लगी है। पुश्तों में घटिया सामाग्री का प्रयोग होने से हकीकत सामने आने लगी है। विभागीय अभियंताओं और निर्माण एजेंसी की मिलीभगत से राजमार्ग पर घटिया कार्य किया जा रहा है। ऐसे में स्थानीय जनता में निर्माण एजेंसी और विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड हाईवे पर आॅल वेदर का कार्य चल रहा है और आॅल वेदर का कार्य आरजीबी कंपनी कर रही है। कंपनी की ओर से पुश्तों का निर्माण कार्य छोटे-छोटे ठेकेदारों को दिया गया है, जो मोटे मुनाफे के चक्कर में निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का प्रयोग कर रहे हैं। जिससे करोड़ों की लागत से लगाये गये ये पुश्ते एक ही बरसात को नहीं झेल पा रहे है और धराशाई हो रहे हैं। राजमार्ग में पुश्तों के निर्माण में निर्माण एजेंसी रेत-बजरी की जगह मिट्टी का प्रयोग कर रही है। ऐसे में पुश्तों का ज्यादा टिक पाना मुश्किल है। इसके अलावा निर्माण एजेंसी की मशीने पहाड़ की कटिंग के मलबे को सीधे मंदाकिनी नदी में फैंक रही है, जिस कारण मंदाकिनी नदी का पानी दूषित हो रहा है। राजमार्ग पर कई जगहों पर डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है, जिससे मशीनों के जरिये मंदाकिनी में मलबा फैंका जा रहा है। मंदाकिनी में मलबा फैंके जाने से
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि एनजीटी की ओर सख्त निर्देश दिये गये हैं कि पहाड़ी कटान का मलबा डंपिग जोन में डाला जाय। अगर निर्माणदायी संस्था की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा है तो कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर घटिया कार्य की शिकायत मिलने पर अपर जिलाधिकारी और इंजीनियरों संयुक्त टीम बनाई जायेगी और जांच के बाद विभाग और निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी Conclusion:
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