रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड हाईवे पर करोड़ों की लागत से बनाए गए पुश्तों की पोल खुलने लगी है. पुश्तों में घटिया सामाग्री का प्रयोग होने से असलियत सामने आने लगी है. वहीं लोगों ने कहा कि विभागीय अभियंताओं और निर्माण एजेंसी की मिलीभगत से राजमार्ग पर घटिया कार्य किया जा रहा है.
ऐसे में स्थानीय जनता में निर्माण एजेंसी और विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. दरअसल, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर ऑल वेदर का कार्य चल रहा है. इस ऑल वेदर का कार्य आरजीबी कंपनी कर रही है. कंपनी की ओर से पुश्तों का निर्माण कार्य छोटे-छोटे ठेकेदारों को दिया गया है. जिससे ठेकेदार मोटे मुनाफे के चक्कर में निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का प्रयोग कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: मसूरी पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, अर्बन ट्रांसफॉरमेशन समिट 2019 का किया शुभारंभ
इससे करोड़ों की लागत से लगाई गई पुश्ते एक ही बरसात भी नहीं झेल पाए. राजमार्ग में पुश्तों के निर्माण में निर्माण एजेंसी रेत-बजरी की जगह मिट्टी का प्रयोग कर रही है. ऐसे में पुश्तों का ज्यादा टिक पाना मुश्किल है. इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी की मशीने पहाड़ की कटिंग के मलबे को सीधे मंदाकिनी नदी में फेंक रही है. जिस कारण मंदाकिनी नदी का पानी दूषित हो रहा है. राजमार्ग पर कई जगहों पर डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है. जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि एनजीटी की ओर सख्त निर्देश दिये गये हैं. पहाड़ी कटान का मलबा डंपिग जोन में डाला जाए. अगर निर्माणदायी संस्था की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.