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Chardham Yatra 2021: केदारनाथ मार्ग पर अव्यवस्था से तीर्थयात्री परेशान - DM Manuj Goyal

चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर फैली अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ रहा है. रास्ते भर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. साथ ही पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

Chardham Yatra 2021
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Published : Sep 23, 2021, 9:33 AM IST

Updated : Sep 23, 2021, 10:34 AM IST

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा को हाईकोर्ट के निर्देश पर खोल दिया गया है. मगर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. स्थिति यह है कि तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक विकट समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रास्ते भर फैली गंदगी से तीर्थयात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है. पैदल मार्ग पर पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलवा पैदल मार्ग बरसात के कारण डेंजर बना हुआ है जिस पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 18 सितंबर से चारधाम की यात्रा शुरू की. हाईकोर्ट के निर्देश के तहत हर दिन 800 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम आने की अनुमति है. इससे ज्यादा तीर्थ यात्री धाम नहीं जा सकते लेकिन जो तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं, उन्हें भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. ऐसे में लग रहा है कि सरकार ने यात्रा शुरू करते समय पूरी व्यवस्थाएं नहीं देखीं या फिर जिला प्रशासन पर आंख मूंदकर विश्वास कर लिया.

केदारनाथ मार्ग पर अव्यवस्था से तीर्थयात्री परेशान.

कुछ दिन पूर्व मुख्य सचिव ने भी केदारनाथ धाम का दौरा कर अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. मगर अधिकारी हैं कि मुख्य सचिव के निर्देशों को भी नहीं मान रहे हैं. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई है. मार्ग पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े बोल्डर पड़े हैं. साथ ही कई जगह दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है. वहीं, शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.

इस पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि शासन के आला अफसर हवाई दौरे कर यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर हो रही परेशानियों से बेखबर हैं. जिसका खामियाजा तीर्थ यात्रियों को भुगतान पड़ रहा है. उन्हें जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है.

पढ़ें- 3500 तीर्थयात्री कर चुके बदरी विशाल के दर्शन, कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से हो रहा पालन

सूरज नेगी ने कहा कि पैदल रास्ते में प्रशासन द्वारा बनाई गई दुकानें भी क्षतिग्रस्त हैं. जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस प्रकार की अव्यवस्थित यात्रा करवाकर सरकार क्या संदेश देना चाहती है, यह समझ से परे है. सरकार के इस तरह से खानापूर्ति करने वाले रवैये से राज्य का नाम तो खराब होगा ही, साथ ही केदारनाथ धाम पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि सरकार द्वारा यात्रा खोले जाने को लेकर न्यायालय में दिए गए हलफनामे पर भी संदेह हो रहा है. क्योंकि ना तो रास्ते में आधारभूत सुविधाएं दिख रही हैं और ना ही पैदल मार्ग की स्थिति ठीक है. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी चाक-चैबंद नहीं किया गया है.

पढ़ें- श्रद्धालु देवप्रयाग के संगम में पितरों का कर रहे तर्पण, श्रीराम ने पिता का यहीं किया था पिंडदान

उन्होंने उत्तराखंड शासन पर यात्रा को लेकर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर शासन द्वारा जिला प्रशासन को समय रहते सुविधाओं को जुटाने के निर्देश दिए जाते तो आज पैदल मार्ग की ऐसी दुर्दशा नहीं होती. जिला प्रशासन कुंभकर्ण की नींद में नहीं सोया रहता है, जिसका खामियाजा यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भी उठाना पड़ रहा है. उन्होंने प्रशासन की अकर्मण्यता पर अफसोस जताते हुए कहा कि इस प्रकार की लापरवाही यात्रा को लेकर कभी भी नहीं देखी गई.

इस पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं दुरूस्त की जा रही हैं. यात्रा मार्ग पर सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही मेडिकल की सुविधा दिये जाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है.

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा को हाईकोर्ट के निर्देश पर खोल दिया गया है. मगर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. स्थिति यह है कि तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक विकट समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रास्ते भर फैली गंदगी से तीर्थयात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है. पैदल मार्ग पर पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलवा पैदल मार्ग बरसात के कारण डेंजर बना हुआ है जिस पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 18 सितंबर से चारधाम की यात्रा शुरू की. हाईकोर्ट के निर्देश के तहत हर दिन 800 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम आने की अनुमति है. इससे ज्यादा तीर्थ यात्री धाम नहीं जा सकते लेकिन जो तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं, उन्हें भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. ऐसे में लग रहा है कि सरकार ने यात्रा शुरू करते समय पूरी व्यवस्थाएं नहीं देखीं या फिर जिला प्रशासन पर आंख मूंदकर विश्वास कर लिया.

केदारनाथ मार्ग पर अव्यवस्था से तीर्थयात्री परेशान.

कुछ दिन पूर्व मुख्य सचिव ने भी केदारनाथ धाम का दौरा कर अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. मगर अधिकारी हैं कि मुख्य सचिव के निर्देशों को भी नहीं मान रहे हैं. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई है. मार्ग पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े बोल्डर पड़े हैं. साथ ही कई जगह दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है. वहीं, शौचालयों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.

इस पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि शासन के आला अफसर हवाई दौरे कर यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर हो रही परेशानियों से बेखबर हैं. जिसका खामियाजा तीर्थ यात्रियों को भुगतान पड़ रहा है. उन्हें जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है.

पढ़ें- 3500 तीर्थयात्री कर चुके बदरी विशाल के दर्शन, कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से हो रहा पालन

सूरज नेगी ने कहा कि पैदल रास्ते में प्रशासन द्वारा बनाई गई दुकानें भी क्षतिग्रस्त हैं. जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस प्रकार की अव्यवस्थित यात्रा करवाकर सरकार क्या संदेश देना चाहती है, यह समझ से परे है. सरकार के इस तरह से खानापूर्ति करने वाले रवैये से राज्य का नाम तो खराब होगा ही, साथ ही केदारनाथ धाम पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि सरकार द्वारा यात्रा खोले जाने को लेकर न्यायालय में दिए गए हलफनामे पर भी संदेह हो रहा है. क्योंकि ना तो रास्ते में आधारभूत सुविधाएं दिख रही हैं और ना ही पैदल मार्ग की स्थिति ठीक है. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी चाक-चैबंद नहीं किया गया है.

पढ़ें- श्रद्धालु देवप्रयाग के संगम में पितरों का कर रहे तर्पण, श्रीराम ने पिता का यहीं किया था पिंडदान

उन्होंने उत्तराखंड शासन पर यात्रा को लेकर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर शासन द्वारा जिला प्रशासन को समय रहते सुविधाओं को जुटाने के निर्देश दिए जाते तो आज पैदल मार्ग की ऐसी दुर्दशा नहीं होती. जिला प्रशासन कुंभकर्ण की नींद में नहीं सोया रहता है, जिसका खामियाजा यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भी उठाना पड़ रहा है. उन्होंने प्रशासन की अकर्मण्यता पर अफसोस जताते हुए कहा कि इस प्रकार की लापरवाही यात्रा को लेकर कभी भी नहीं देखी गई.

इस पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं दुरूस्त की जा रही हैं. यात्रा मार्ग पर सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही मेडिकल की सुविधा दिये जाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 10:34 AM IST
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