रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में हर दिन बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. अब तक बाबा के दरबार में मात्र 7 दिनों में एक लाख 34 हजार से भी ज्यादा तीर्थयात्री बाबा का आशीर्वाद ले चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार की केदार यात्रा पुराने सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर देगी, लेकिन पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चर मालिकों एवं हाॅकरों की बदतमीजी के साथ ही हेली सेवा कंपनियों की मनमानी से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं.
बता दें कि केदारनाथ यात्रा में पहले दिन 23,512 यात्री, दूसरे दिन 18,212, तीसरे दिन 17,749, चौथे दिन 18,183, पांचवें दिन 18,887, छठवें दिन 18,271 और सातवें दिन 19,230 यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 34 हजार 44 पहुंच गया है. आज केदारनाथ यात्रा का आठवां दिन हैं. केदारनाथ यात्रा में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन गौरीकुंड से केदारनाथ 19 किमी पैदल मार्ग पर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की लीद से फैली गंदगीः केदारनाथ यात्रा के लिए 7 हजार से अधिक घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. पूरे पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की आवाजाही हो रही है. दोनों ओर से घोड़े खच्चर चलने के कारण पैदल चलने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार घोड़े-खच्चरों की टक्कर लगने से पैदल चलने वाले यात्री चोटिल भी हो रहे हैं. इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों की लीद से गंदगी फैल रही है.
घोड़े खच्चर संचालकों की बदतमीजी से यात्री परेशानः केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चर संचालकों की बदतमीजी से भी यात्री परेशान हैं. तीर्थयात्री अमित, योगेश खत्री, अजय वर्मा ने कहा कि गौरीकुंड केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों के कारण यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पैदल मार्ग में बेतरतीब और अव्यवस्थित ढंग से दौड़ने वाले घोड़े खच्चरों के कारण कई बार थके हारे व बुजुर्ग यात्री चोटिल हो रहे हैं.
10 घोड़ों के साथ मात्र एक हॉकरः प्रशासन ने भले ही एक घोड़े-खच्चर के साथ एक हॉकर रखने का नियम बनाया है, लेकिन यात्रा मार्ग पर 10-10 घोड़ों के साथ एक हॉकर नजर आ रहा है. जिस कारण पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए तेज गति से भागते घोड़े खच्चर आफत का सबक बने हैं. इसके साथ ही पैदल रास्ते में घोड़े खच्चरों की लीद के कारण भी दुर्गंध फैल रही है.
हेली सेवा कंपनियों की मनमानी से यात्री परेशानः दूसरी ओर हेली सेवा कंपनियों की मनमानी से भी तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. तीर्थयात्रियों का कहना है कि सुबह 6 बजे बुलाने के बाद दिन के 12 बजे केदारनाथ भेजा रहा है. फिर 3 बजे तक वापस आने को कहा जा रहा है. ऐसे में सही से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. आने जाने में भी समस्या हो रही है. उन्होंने कहा कि हेली सेवा कंपनियां यात्रियों को सही जानकारी नहीं दे रही हैं.
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यात्रियों का आरोप है कि हेली सेवा कंपनियां बुकिंग टिकटों को कैंसिल करवाकर अन्य लोगों को महंगे दामों पर टिकट दे रही हैं. उनसे मोटा पैसा कमा रही हैं. उनके नाम की बुकिंग दूसरे यात्री को ज्यादा पैसों में दी जा रही है. जिस तिथि में तीर्थयात्रियों की बुकिंग है, उसमें उन्हें नहीं भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार, शासन व जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
तीर्थयात्रियों और घोड़े-खच्चरों के लिए एक ही पैदल मार्ग होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में घोडे़-खच्चर संचालकों को सही तरीके से आवाजाही करने को कहा गया है. साथ ही एक घोड़े-खच्चर के साथ एक हाॅकर रखने को कहा गया है.- मनुज गोयल, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग