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केदारनाथ में प्रशासन की तैयारियों से तीर्थ पुरोहित नाखुश, कहा- चुनौतीपूर्ण होगी यात्रा

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Published : Mar 30, 2023, 10:11 PM IST

केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर तीर्थ पुरोहित धाम पहुंचे. जहां उन्होंने शासन प्रशासन द्वारा की गई तैयारी और व्यवस्था को लेकर असंतोष जताया. उन्होंने कहा कम समय बचा है, लेकिन तैयारियां अधूरी है. ऐसे में तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथ की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण होगी.

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रुद्रप्रयाग: 22 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है. जिसको लेकर शासन प्रशासन स्तर पर तैयारियों बड़ी जोरों से चल रही है. इन्हीं तैयारियों का जायजा लेने आज केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों की टीम केदारनाथ धाम पहुंची. इस दौरान टीम को धाम में काफी कमियां नजर आई. तीर्थ पुरोहित प्रशासन द्वारा केदारनाथ में की जा रही तैयारी और व्यवस्था से नाखुश दिखे.

तीर्थ पुरोहितों ने कहा हर साल केदारनाथ धाम की यात्रा अव्यवस्थाओं के बीच शुरू की जा रही है. जिसका नुकसान तीर्थ यात्रियों को झेलना पड़ता है. केदारनाथ पैदल मार्ग का सुधारीकरण काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. समय कम है और काम ज्यादा बचा है. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों एवं स्थानीय लोगों को मोर्चा संभालने की जरूरत है.

उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब महज कुछ ही दिन का समय बचा हुआ है, लेकिन अभी तक पैदल मार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया है. केदारनाथ धाम में अभी भी भारी मात्रा में बर्फ जमी है. पैदल मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर टूटे हुए हैं. बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है. अब समय कम और काम ज्यादा है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में भारत-चीन पर स्थित मलारी गांव पहुंचे मनसुख मांडविया, वाइब्रेंट विलेज को लेकर की समीक्षा बैठक

तीर्थ पुरोहितों ने कहा 15 अप्रैल से धाम में स्थानीय की आवाजाही शुरू हो जाएगी. ऐसे में समय से व्यवस्था दुरुस्त होना जरूरी है. हालांकि, इस बार धाम में लगातार मौसम खराब है. अभी भी शाम के समय धाम में बर्फबारी हो रही है, जिस कारण दिक्कत पैदा हो रही हैं.

केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा यहां शुरुआती चरण की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाली है. विशेषकर पैदल मार्ग पर सफर करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कुंभ की तर्ज पर केदारनाथ धाम के लिए भी अलग से प्रशासन की व्यवस्था करने की मांग की. उन्होंने कहा अगर ऐसी व्यवस्था होती है तो, वह जनवरी-फरवरी से व्यवस्था करना शुरू कर दिया जाएगा. ताकि कपाट खुलने से एक माह पूर्व सभी व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू हो जाए.

केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा केदारनाथ आपदा में तबाह हुए तीर्थ पुरोहितों के साथ प्रशासन का अनुबंध हैं. इन अनुबंधों के तहत पिछले साल ही कार्य होना था, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है. हर बार की तरह इस बार की यात्रा भी चुनौतीपूर्ण होने वाली.

रुद्रप्रयाग: 22 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है. जिसको लेकर शासन प्रशासन स्तर पर तैयारियों बड़ी जोरों से चल रही है. इन्हीं तैयारियों का जायजा लेने आज केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों की टीम केदारनाथ धाम पहुंची. इस दौरान टीम को धाम में काफी कमियां नजर आई. तीर्थ पुरोहित प्रशासन द्वारा केदारनाथ में की जा रही तैयारी और व्यवस्था से नाखुश दिखे.

तीर्थ पुरोहितों ने कहा हर साल केदारनाथ धाम की यात्रा अव्यवस्थाओं के बीच शुरू की जा रही है. जिसका नुकसान तीर्थ यात्रियों को झेलना पड़ता है. केदारनाथ पैदल मार्ग का सुधारीकरण काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. समय कम है और काम ज्यादा बचा है. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों एवं स्थानीय लोगों को मोर्चा संभालने की जरूरत है.

उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब महज कुछ ही दिन का समय बचा हुआ है, लेकिन अभी तक पैदल मार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया है. केदारनाथ धाम में अभी भी भारी मात्रा में बर्फ जमी है. पैदल मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर टूटे हुए हैं. बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है. अब समय कम और काम ज्यादा है.
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तीर्थ पुरोहितों ने कहा 15 अप्रैल से धाम में स्थानीय की आवाजाही शुरू हो जाएगी. ऐसे में समय से व्यवस्था दुरुस्त होना जरूरी है. हालांकि, इस बार धाम में लगातार मौसम खराब है. अभी भी शाम के समय धाम में बर्फबारी हो रही है, जिस कारण दिक्कत पैदा हो रही हैं.

केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा यहां शुरुआती चरण की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाली है. विशेषकर पैदल मार्ग पर सफर करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कुंभ की तर्ज पर केदारनाथ धाम के लिए भी अलग से प्रशासन की व्यवस्था करने की मांग की. उन्होंने कहा अगर ऐसी व्यवस्था होती है तो, वह जनवरी-फरवरी से व्यवस्था करना शुरू कर दिया जाएगा. ताकि कपाट खुलने से एक माह पूर्व सभी व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू हो जाए.

केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा केदारनाथ आपदा में तबाह हुए तीर्थ पुरोहितों के साथ प्रशासन का अनुबंध हैं. इन अनुबंधों के तहत पिछले साल ही कार्य होना था, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है. हर बार की तरह इस बार की यात्रा भी चुनौतीपूर्ण होने वाली.

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