रुद्रप्रयाग: बारिश के समय तीर्थ यात्रियों और स्थानीय जनता के लिए मुसीबत बने स्लाइडिंग जोन का स्थाई ट्रीटमेंट किया जा रहा है. इनका समाधान होने के बाद बरसात में राजमार्ग बंद पर घंटों लगने वाले जाम से निजात मिलेगी. साथ ही हादसों पर भी रोक लगेगी. बता दें, ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने भूस्खलन वाले स्थानों का स्थाई ट्रीटमेंट किया जा रहा है. नगरासू की नारायणघाटी में एनएचआईडीसीएल की ओर से सीडिंग एवं बंचिंग विधि अपना कर निर्माण कार्य किया जा रहा है.
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से करीब 17 किमी दूर ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नगरासू के पास यात्रियों और स्थानीय जनता के लिए परेशानी का सबब बने नारायणघाटी वाले भूस्खलन क्षेत्र का स्थाई ट्रीटमेंट किया जा रहा है. स्लाइडिंग जोन बनने से यह क्षेत्र बेहद ही संवेदनशील हो गया है, जहां पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की ओर से लगभग दो सौ मीटर भूस्खलन जोन पर सीडिंग एवं बंचिंग विधि से उपचार किया जा रहा है.
जिसके तहत पहाड़ी पर तीन मीटर तक छेद कर लोहे की रौड डाले गए हैं, जिसके बाद सिमेंट के जरिए उन लोहे की छड़ों को जाम किया किया गया है. साथ ही पहाड़ी पर घास डालकर पूरी पहाड़ी को जूट के बोरों से ढकने के बाद बाहर से लोहे की जाली लगाई गई है. यह जाली पहाड़ी पर पत्थरों को रोके रखेगी, जबकि बोरे पहाड़ी पर डाले गए बीज के लिए नमी का कार्य करेगी. बाद में पहाड़ी पर उगी घास पूरी मिट्टी को थामे रखेगी. यात्रा से पहले इस काम के पूरे होने की संभावना है. नारायणघाटी में यदि यह योजना सफल हो गई तो बरसात के समय भूस्खलन होने से लगने वाले जाम व आवाजाही करते समय पैदा होने वाले खतरे से निजात मिल सकेगी.
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एनएचआईडीसीएल के सहायक अभियंता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि बदरीनाथ राजमार्ग पर नगरासू के समीप भूस्खलन जोन पर कार्य किया जा रहा है. राजमार्ग पर अन्य भूस्खलन जोन का भी इसी तरह ट्रीटमेंट किया जाना है. यात्रा शुरू होने से पहले काम पूरा होने की संभावना है.