रुद्रप्रयागः अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थली पर कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इससे भरदार क्षेत्र लोगों को कोरोना संक्रमण फैलना का डर सता रहा है. शवों का अंतिम संस्कार बस्ती के बीच में होने से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ खासा आक्रोश है. जबकि, लोगों को आवाजाही में भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने डीएम से संक्रमितों के शवों को बस्ती व मुख्य घाटों से दूर जलाने की मांग की है.
प्रदेश के साथ ही जिले में कोरोना का कहर लगातार जारी है. कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संकमितों का दाह संस्कार अलकनंदा-मंदाकिनी के संगम स्थली पर कराया जा रहा है. यहां पर लोगों के मुख्य घाट के साथ ही बस्ती का आवागमन का रास्ता भी है. संगम बाजार व माई की मंडी बस्ती होने से यहां पर शवों का धुंआ लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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इस संबंध में वार्ड के सभासद सुरेंद्र रावत भी डीएम के सामने यह समस्या रख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. प्रशासन की ओर से संक्रमितों के शवों को बस्ती व अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थली पर जलाने से संक्रमण भी बढ़ रहा है. इतना ही नहीं पूर्व में कई बार संगम स्थली पर संक्रमितों के शवों पर आग लगाने के बाद ऐसे ही छोड़ा गया है. जिससे स्थानीय लोगों में खासा रोष व्याप्त है.
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नगर पालिका के सभासद सुरेंद्र रावत ने कहा कि प्रशासन की ओर से वाहन के माध्यम से सुरंग के पास संक्रमित के शव को लाने के बाद पैदल उसे संगम स्थली तक पहुंचाया जा रहा है. वाहन न मिलने से भरदार क्षेत्र के गांवों की जनता पैदल ही आवागमन कर रही है, जिससे पैदल मार्ग पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है. पैदल मार्ग को सैनिटाइज भी नहीं किया जा रहा है. कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार बस्ती व मुख्य घाटों से दूर होना चाहिए. इसके लिए प्रशासन को स्थान का चयन करना चाहिए.