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अधर में लटका गौरीकुंड का विकास, जनता ने मढ़ा BJP-कांग्रेस पर दोष, दी चेतावनी

केदारनाथ आपदा के 8 साल बीत जाने के बाद भी गौरीकुंड का विकास सरकारी फाइलों में भी नहीं दिख रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते गौरीकुंड में कुछ भी कार्य नहीं हुआ है. इस कारण यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों से जूझना पड़ता है.

Development of Gaurikund
गौरीकुंड का विकास
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Published : Jan 20, 2022, 1:18 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ आपदा को आठ साल का समय बीत गया है, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं आज भी जस की तस हैं. इसको लेकर क्षेत्रीय जनता ने कई बार आवाज भी उठाई, मगर किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते गौरीकुंड में कुछ भी कार्य नहीं हुआ है, जिस कारण यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबत से जूझना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा सरकार ने गौरीकुंड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इन दलों से बदला जरूर लेगी.

बता दें कि जून 2013 की केदारनाथ आपदा ने केदारनाथ यात्रा पड़ाव को तबाह करके रख दिया था. आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान केदारनाथ और गौरीकुंड को हुआ था. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने केदारनाथ को संवारने का काम तो किया, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड की ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया. ऐसे में गौरीकुंड का विकास नहीं हो पाया है. केदारनाथ आपदा के दौरान गौरीकुंड में सैकड़ों लोगों के ढाबे, होटल, लॉज बह गए थे, जो किसी तरह से पुनः अपने व्यवसाय को शुरू कर जीवन यापन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों की यही मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार को केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव में सुरक्षा दीवार, शौचालय, पार्किंग सहित सड़क चौड़ीकरण का कार्य करवाना चाहिए, जिससे यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिल सकें.

ग्रामीणों के श्रमदान से गर्मकुंड का निर्माणः पूर्व प्रधान गौरीकुंड मायाराम गोस्वामी, व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी का कहना है कि आपदा से पहले तीर्थयात्री गौरीकुंड स्थित गर्म कुंड में स्नान के बाद मां गौरी मंदिर में मत्था टेककर केदारनाथ यात्रा पर निकलते थे. मगर गर्मकुंड के आपदा में तबाह हो जाने के बाद तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने भी सरकार और शासन-प्रशासन से कई बार गर्म कुंड निर्माण की मांग की. लेकिन इस मांग पर कोई अमल नहीं हो पाया. ऐसे में ग्रामीणों ने श्रमदान से गर्मकुंड का निर्माण करवाया. गर्मकुंड का निर्माण पिछले वर्ष ही किया गया. ऐसे में यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री गर्मकुंड में स्नान के बाद भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए निकल रहे हैं और उनमें खुशी भी देखी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Assembly Election: केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने BJP से मांगे दो टिकट

भाजपा-कांग्रेस पर आरोपः पूर्व प्रधान गौरीकुंड मायाराम गोस्वामी ने कहा कि गर्म कुंड निर्माण के अलावा भी यहां पर अन्य कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क का चौड़ीकरण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के दौरान जाम की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा बस पार्किंग, घोड़ा पड़ाव के निर्माण के साथ ही सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया गया है. गौरीकुंड में शौचालयों का निर्माण न होने से तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपदा को आए आठ साल का समय हो चुका है, लेकिन गौरीकुंड की समस्याओं पर किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने गौरीकुंड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है. आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखाने का काम किया जाएगा.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ आपदा को आठ साल का समय बीत गया है, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं आज भी जस की तस हैं. इसको लेकर क्षेत्रीय जनता ने कई बार आवाज भी उठाई, मगर किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते गौरीकुंड में कुछ भी कार्य नहीं हुआ है, जिस कारण यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबत से जूझना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा सरकार ने गौरीकुंड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इन दलों से बदला जरूर लेगी.

बता दें कि जून 2013 की केदारनाथ आपदा ने केदारनाथ यात्रा पड़ाव को तबाह करके रख दिया था. आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान केदारनाथ और गौरीकुंड को हुआ था. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने केदारनाथ को संवारने का काम तो किया, लेकिन यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड की ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया. ऐसे में गौरीकुंड का विकास नहीं हो पाया है. केदारनाथ आपदा के दौरान गौरीकुंड में सैकड़ों लोगों के ढाबे, होटल, लॉज बह गए थे, जो किसी तरह से पुनः अपने व्यवसाय को शुरू कर जीवन यापन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों की यही मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार को केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव में सुरक्षा दीवार, शौचालय, पार्किंग सहित सड़क चौड़ीकरण का कार्य करवाना चाहिए, जिससे यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिल सकें.

ग्रामीणों के श्रमदान से गर्मकुंड का निर्माणः पूर्व प्रधान गौरीकुंड मायाराम गोस्वामी, व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी का कहना है कि आपदा से पहले तीर्थयात्री गौरीकुंड स्थित गर्म कुंड में स्नान के बाद मां गौरी मंदिर में मत्था टेककर केदारनाथ यात्रा पर निकलते थे. मगर गर्मकुंड के आपदा में तबाह हो जाने के बाद तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने भी सरकार और शासन-प्रशासन से कई बार गर्म कुंड निर्माण की मांग की. लेकिन इस मांग पर कोई अमल नहीं हो पाया. ऐसे में ग्रामीणों ने श्रमदान से गर्मकुंड का निर्माण करवाया. गर्मकुंड का निर्माण पिछले वर्ष ही किया गया. ऐसे में यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री गर्मकुंड में स्नान के बाद भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए निकल रहे हैं और उनमें खुशी भी देखी जा रही है.

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भाजपा-कांग्रेस पर आरोपः पूर्व प्रधान गौरीकुंड मायाराम गोस्वामी ने कहा कि गर्म कुंड निर्माण के अलावा भी यहां पर अन्य कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क का चौड़ीकरण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के दौरान जाम की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा बस पार्किंग, घोड़ा पड़ाव के निर्माण के साथ ही सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया गया है. गौरीकुंड में शौचालयों का निर्माण न होने से तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपदा को आए आठ साल का समय हो चुका है, लेकिन गौरीकुंड की समस्याओं पर किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने गौरीकुंड के लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है. आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखाने का काम किया जाएगा.

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