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अगस्त्यमुनि के लोगों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ - अगस्त्यमुनि ब्लाक में डॉक्टर की कमी

रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि ब्लाक में स्वास्थ्य केन्द्र संविदा कर्मचारी के भरोसे संचालित हो रहा है. इससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है. ग्रामीणों को छोटी सी बीमारी के इलाज के लिए भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि जाना पड़ता है.

Rudraprayag
स्वास्थ्य केन्द्र अक्सर बंद
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Published : May 25, 2021, 1:53 PM IST

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि ब्लॉक के अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्र अक्सर बंद होने से क्षेत्रीय लोग परेशान हैं. बताया जा रहा है यह केन्द्र मात्र एक संविदा कर्मचारी के भरोसे ही चल रहा है. इससे क्षेत्रीय जनता को स्वास्थ्य लाभ लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य केन्द्र को नियमित खोलने के साथ ही डॉक्टर की तैनाती करने की मांग की है.


प्रदेश में कोरोना से आमजन परेशान हैं. वहीं एलोपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र विगत कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है. इससे केन्द्र में स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंच रहे मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केन्द्र पर भीरी, डमार, टेमरिया, बरम्वाड़ी, फेगू, नागजगई, तिनसोली, बस्टी, जलई सुरसाल, ओरिंग, गिवाड़ी गांव, बांसवाड़ा समेत डेढ़ दर्जन गांवों की आबादी निर्भर है. ऐसे में अव्यवस्थाओं के चलते लोगों को इस केन्द्र का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. बुखार, जुकाम समेत छोटी सी बीमारी के लिए लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि की दौड़ लगानी पड़ रही है. अगर कभी केंद्र खुला भी रहता है तो डॉक्टर नहीं मिलते.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नेगी का कहना है, कि स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति में सुधार लाने के लिए कई बार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इससे क्षेत्रीय लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. संविदा कर्मचारी के भरोसे संचालित हो रहा स्वास्थ्य केन्द्र सफेद हाथी साबित हो रहा है.

पढ़ें: उत्तराखंड में दो IPS के दायित्वों में फेरबदल, संजय गुंज्याल को मिली नई जिम्मेदारी

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ की नियुक्ति को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं.

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि ब्लॉक के अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्र अक्सर बंद होने से क्षेत्रीय लोग परेशान हैं. बताया जा रहा है यह केन्द्र मात्र एक संविदा कर्मचारी के भरोसे ही चल रहा है. इससे क्षेत्रीय जनता को स्वास्थ्य लाभ लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य केन्द्र को नियमित खोलने के साथ ही डॉक्टर की तैनाती करने की मांग की है.


प्रदेश में कोरोना से आमजन परेशान हैं. वहीं एलोपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र विगत कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है. इससे केन्द्र में स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंच रहे मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केन्द्र पर भीरी, डमार, टेमरिया, बरम्वाड़ी, फेगू, नागजगई, तिनसोली, बस्टी, जलई सुरसाल, ओरिंग, गिवाड़ी गांव, बांसवाड़ा समेत डेढ़ दर्जन गांवों की आबादी निर्भर है. ऐसे में अव्यवस्थाओं के चलते लोगों को इस केन्द्र का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. बुखार, जुकाम समेत छोटी सी बीमारी के लिए लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि की दौड़ लगानी पड़ रही है. अगर कभी केंद्र खुला भी रहता है तो डॉक्टर नहीं मिलते.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नेगी का कहना है, कि स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति में सुधार लाने के लिए कई बार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इससे क्षेत्रीय लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. संविदा कर्मचारी के भरोसे संचालित हो रहा स्वास्थ्य केन्द्र सफेद हाथी साबित हो रहा है.

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जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ की नियुक्ति को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं.

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