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आजादी के 73 साल बाद भी नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं, जान हथेली पर रखकर गदेरे को पार कर रहे लोग - उफान पर गदेरे

किसी ने सच ही कहा है, पहाड़ पर रहने वाले लोगों का जीवन भी पहाड़ जैसा ही है. मॉनसून सीजन में पहाड़ के ग्रामीणों की परेशानी कोढ़ में खाज का काम करती है. एक तो पहाड़ के लोग रोजमर्रा की समस्याओं को लेकर वैसे ही परेशान रहते हैं, तो दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश से उनका जीवन दुश्वार हो गया है.

रुद्रप्रयाग में उफान पर बरसाती नाले
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Published : Aug 15, 2019, 8:32 AM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद में कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिले का बांगर क्षेत्र में हालात बद से बदतर बने हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाला छेनागाड-बक्सीर मोटरमार्ग कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है. 6 ग्राम पंचायतों वाले इस क्षेत्र की आबादी 10 से 15 हजार के करीब है. इन दिनों बांगर क्षेत्र में जगह-जगह गदेरे उफान पर हैं. ग्रामीण जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं.

तस्वीरों में देखकर ही आपकी रूह कांप रही होगी, मगर पहाड़ के लोगों की सच्चाई यही है. ग्रामीण एक-दूसरे के सहारे इस गदेरे को पार कर रहे हैं. बरसात के दिनों में ग्रामीणों के ऐसे हालात हो जाते हैं, जो उन्हें कभी भी मौत के मुंह में धकेल सकते हैं. ग्रामीण जनता कई बार ऐसे गदेरों पर पुलिया निर्माण की मांग कर चुके हैं, मगर सरकार, शासन और प्रशासन उनकी सुनने को तैयार ही नहीं है.

रुद्रप्रयाग में उफान पर बरसाती नाले

पढ़ें- देहरादूनः चलती बस में लगी आग, ड्राइवर ने ऐसे बचाई 48 यात्रियों की जान

रुद्रप्रयाग जिले का बांगर क्षेत्र आज के दौर में भी पिछड़ा हुआ है. बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण परेशान हैं. पैदल रास्तों पर बरसाती गदेरे तबाही मचा रहे हैं. दो सप्ताह से क्षेत्र को जोड़ने वाला मोटरमार्ग भी बंद पड़ा है. ऐसे में ग्रामीण जनता को 13 से 14 किमी पैदल चलना पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग: जनपद में कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिले का बांगर क्षेत्र में हालात बद से बदतर बने हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाला छेनागाड-बक्सीर मोटरमार्ग कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है. 6 ग्राम पंचायतों वाले इस क्षेत्र की आबादी 10 से 15 हजार के करीब है. इन दिनों बांगर क्षेत्र में जगह-जगह गदेरे उफान पर हैं. ग्रामीण जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं.

तस्वीरों में देखकर ही आपकी रूह कांप रही होगी, मगर पहाड़ के लोगों की सच्चाई यही है. ग्रामीण एक-दूसरे के सहारे इस गदेरे को पार कर रहे हैं. बरसात के दिनों में ग्रामीणों के ऐसे हालात हो जाते हैं, जो उन्हें कभी भी मौत के मुंह में धकेल सकते हैं. ग्रामीण जनता कई बार ऐसे गदेरों पर पुलिया निर्माण की मांग कर चुके हैं, मगर सरकार, शासन और प्रशासन उनकी सुनने को तैयार ही नहीं है.

रुद्रप्रयाग में उफान पर बरसाती नाले

पढ़ें- देहरादूनः चलती बस में लगी आग, ड्राइवर ने ऐसे बचाई 48 यात्रियों की जान

रुद्रप्रयाग जिले का बांगर क्षेत्र आज के दौर में भी पिछड़ा हुआ है. बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण परेशान हैं. पैदल रास्तों पर बरसाती गदेरे तबाही मचा रहे हैं. दो सप्ताह से क्षेत्र को जोड़ने वाला मोटरमार्ग भी बंद पड़ा है. ऐसे में ग्रामीण जनता को 13 से 14 किमी पैदल चलना पड़ रहा है.

Intro:स्पेशल खबर-एक्सक्लूसिव वीडीओ
जान जोखिम में डालकर भयावह गदेरे को पार कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों की कभी भी जान पर बन सकती है
ग्रामीणों की जिंदगी के साथ सरकार और प्रशासन कर रहा खिलवाड़
रूद्रप्रयाग- किसी ने सच ही कहा है, पहाड़वासियों का जीवन पहाड़ जैसा ही है। बरसात के दौरान पहाड़ के ग्रामीणों की परेशानी कोड़ में काज का काम करती है। पहले ही ग्रामीण जनता परेशान रहती है और ऊपर से लगातार हो रही बारिश से उनका जीवन दुश्वार हो जाता है। रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में इन दिनों ग्रामीणों के हालात मौत जैसे बने हैं और सरकार व शासन-प्रशासन सिर्फ दावों तक सीमित है। पेश है एक रिपोर्ट - Body:वीओ -1- रुद्रप्रयाग जिले का बांगर क्षेत्र में हालात बद से बदतर बने हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाला छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है। छः ग्राम पंचायतों वाले इस क्षेत्र की आबादी दस से पन्द्रह हजार के करीब है और इन दिनों ग्रामीण मौत का सफर तय कर रहे हैं। आजादी के 7 दशक से यहां के ग्रामीण सुविधाओं को लेकर आवाजा उठा रहे हैं, मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र में एक मोबाइल टाॅवर भी नहीं है, जिससे वे अपनी समस्या को किसी तक पहुंचा सकें।
Conclusion:इन दिनों बांगर क्षेत्र में जगह-जगह गदेरे उफान पर आये हुए हैं। ग्रामीण जनता जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर है। तस्वीरों में देखकर ही आपकी रूह कांप रही होगी, मगर पहाड़ के लोगों की सच्चाई यही है। ग्रामीण जनता एक-दूसरे के सहारे इस भयावह गदेरे को पार कर रहे हैं। बरसात के दिनों में ग्रामीणों के ऐसे हालात हो जाते हैं, जो उन्हें कभी भी मौत के मुंह में धकेल सकते हैं। ग्रामीण जनता कई बार ऐसे गदेरों पर पुलिया निर्माण की मांग कर चुके हैं, मगर सरकार, शासन और प्रशासन उनकी सुनने को तैयार ही नहीं है। रुद्रप्रयाग जिले का बांगर क्षेत्र आज के दौर में भी पिछड़ा हुआ है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण लोग परेशान हैं। पैदल रास्तों पर बरसाती गदेरे तबाही मचा रहे हैं। दो सप्ताह से क्षेत्र को जोड़ने वाला मोटरमार्ग भी बंद पड़ा है। ऐसे में ग्रामीण जनता को 13 से 14 किमी पैदल चलना पड़ रहा है।
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