रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य की इन दिनों धूम मची है. नौगरी के कौथिग (गांव घूमने की परम्परा) में ग्रामीणों ने पांडवों के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए. इसके बाद पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य शुरू किया. नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दराज क्षेत्रों से दर्शक पहुंचे. 29 नवम्बर को नारायण के फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन होगा.
जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत दरमोला में गत 8 नवम्बर से चल रहे पांडव नृत्य के दौरान बुधवार को नौगरी का कौथिग का आयोजन किया गया. इस बार किन्हीं कारणों के चलते पांडवों ने गांव का भ्रमण नहीं किया. स्थानीय लोग सुबह से ही अपने घरों में पांडवों के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाने में जुट गए.
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सर्वप्रथम पांडवों के लिए बनाए गए पकवान से बदरी विशाल भगवान को भोग लगाया गया, उसके उपरांत ही पांडव ने इसे ग्रहण किया. मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास के लिए गए थे तो उन्होंने गांवों में भिक्षा मांगकर ही अपना पेट भरा था. आज भी लोग इस परम्परा की संस्कृति को जीवित रखने में इसकी अहम भूमिका निभा रहे हैं.