रुद्रप्रयाग: कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए लागू किए लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए थे. बेरोजागर हुआ ये प्रवासी बड़ी संख्या में अपने घर उत्तराखंड पहुंचे थे, लेकिन अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन युवाओं को रोजगार देनी है. जिसके लिए उत्तराखंड ने स्वरोजगार से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की है. इस संबंध में गुरुवार को मद्महेश्वर घाटी के राइंका में प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
न्याय पंचायत स्तरीय कार्यशाला में ग्राम्य विकास विभाग, पंचायती राज विभाग व जिला उघोग केन्द्र के अधिकारियों ने प्रवासी युवाओं को स्वरोजगार से जुड़ी कई जानकारी दी. कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि जिला प्रशासन व स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों से सभी प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सामूहिक पहल की जा रही है. मद्महेश्वर घाटी में भेड़ पालन, पुष्प और सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य किया जा सकता है.
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जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि मद्महेश्वर घाटी में बागवानी की अपार संभावनाएं है. यदि युवा इस ओर ध्यान दें तो उन्हें रोजगार के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि वे अपने गांव में रहकर ही अच्छा पैसे कमा सकते हैं. इस कार्यशाला में सहायक निबंधक अधिकारी सहकारिता योगेश जोशी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारिता विभाग अनेक योजनाएं चला रहा है.
जिला पंचायत राज अधिकारी चमन सिंह ने कहा कि सभी प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है. जिला सेवायोजन अधिकारी श्री पांडेय, कृषि विभाग के दिनेश जोशी, स्वास्थ्य विभाग के सचिव चौबे, पशुपालन विभाग के डॉ. प्रमोद, डेरी विभाग के कैलाश नेगी व मत्स्य विभाग के संजय ने भी प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनने के अनेक जानकारियां दी. खण्ड विकास अधिकारी दिनेश मैठाणी ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत न्याय पंचायत मनसूना का चयन सब्जी उत्पादन के लिए किया गया है.